दो छड़ चुम्बकों के चुम्बकीय आघूणो  र्की तुलना कर सकते हैं

  • A

    विक्षेप चुम्बकत्वमापी

  • B

    दोलन चुम्बकत्वमापी

  • C

    उपरोक्त दोनों

  • D

    उपरोक्त कोई  नहीं

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$5 \,cm$ लंबाई के छड़ चुंबक के केंद्र से $50 \,cm$ की दूरी पर स्थित बिंदु पर, विषुवतीय एवं अक्षीय स्थितियों के लिए चुंबकीय क्षेत्र का परिकलन कीजिए। छड चुंबक का चुंबकीय आघूर्ण $0.40 \,A m ^{2}$ है।

$(a)$ क्या होता है जबकि एक चुंबक को दो खंडों में विभाजित करते हैं $(i)$ इसकी लंबाई के लंबवत $(ii)$ लंबाई के अनुदिश?

$(b)$ एकसमान चुंबकीय क्षेत्र में रखी गई किसी चुंबकीय सुई पर बल आघूर्ण तो प्रभावी होता है पर इस पर कोई परिणामी बल नहीं लगता। तथापि, एक छड़ चुंबक के पास रखी लोहे की कील पर बल आघूर्ण के साथ-साथ परिणामी बल भी लगता है। क्यों?

$(c)$ क्या प्रत्येक चुंबकीय विन्यास का एक उत्तरी और एक दक्षिणी ध्रुव होना आवश्यक है? एक टोरॉयड के चुंबकीय क्षेत्र के संबंध में इस विषय में अपनी टिप्पणी दीजिए।

$(d)$ दो एक जैसी दिखाई पड़ने वाली छड़ें $A$ एवं $B$ दी गई हैं जिनमें कोई एक निश्चित रूप से चुंबकीय है, यह ज्ञात है (पर, कौन सी यह ज्ञात नहीं है )। आप यह कैसे सुनिश्चित करेंगे कि दोनों छड़ें चुंबकित हैं या केवल एक? और यदि केवल एक छड़ चुंबकित है तो यह कैसे पता लगाएँगे कि वह कौन सी है। [ आपको छड़ों $A$ एवं $B$ के अतिरिक्त अन्य कोई चीज प्रयोग नहीं करनी है। $]$

यदि देा चुम्बकीय ध्रुवों की ध्रुव प्राबल्य एवं इनके बीच की दूरी दोगुने कर दिये जायें तो इनके मध्य कार्यरत बल

दो चुम्बक जिसका चुम्बकीय आघूर्ण $M$ तथा $2 M$ है एक वाईब्रेशन मैग्नेटोमीटर में रखी है। यदि दोनों के सम ध्रुव साथ हो तो आवर्तकाल $T _{1}$ तथा विषम ध्रुव साथ हो तो आर्वत काल $T _{2}$ है। तो-

  • [AIPMT 2002]

एक चुम्बकीय सुई  को ऐंठनरहित धागे से क्षैतिजत: लटकाया गया है। यह प्रत्यानन बल आघूर्ण के कारण क्षैतिज तल में दोलन करता है। यह प्रत्यानन बल आघूर्ण मुख्यत: किससे उत्पन्न होता है