दो पृथक प्रयोगों में पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र में रखे छोटे चुम्बकों के उदासीन बिन्दु $r$ तथा $2r$ दूरी पर निरक्ष स्थिति में मिलते हैं। चुम्बकों के चुम्बकीय आघूर्णों का अनुपात है
$4:1$
$1:2$
$2:1$
$1:8$
किसी छोटे छड़ चुंबक का चुंबकीय आधूर्ण $0.48 \,JT ^{-1}$ है। चुंबक के केंद्र से $10 \,cm$ की दूरी पर स्थित किसी बिंदु पर इसके चुंबकीय क्षेत्र का परिमाण एवं दिशा बताइए यदि यह बिंदु $(i)$ चुंबक के अक्ष पर स्थित हो $(ii)$ चुंबक के अभिलंब समद्विभाजक पर स्थित हो।
दो एक जैसे छड़ चुम्बक चित्रानुसार रखे हुये हैं । बिन्दु $P $ पर परिणामी चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा, जिसे तीर का शीर्ष दर्शाता है, होगी (लगभग)
एक छोटे छड़ चुम्बक का द्विध्रुव आघूर्ण $1.25 $ ऐम्पियर-मीटर $^{2}$ है, इसकी अक्ष पर चुम्बक के केन्द्र से $0.5 $ मीटर की दूरी पर चुम्बकीय क्षेत्र होगा
$M, $ चुम्बकीय आघूर्ण के एक छोटे से चुम्बकीय द्विधुव के कारण निरक्षीय रेखा पर केन्द्र से $ r$ दूरी पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र होता है ($M.K.S. $ पद्धति में)
किसी चुम्बक के अक्षीय रेखा पर, उसके केन्द्र से दो बिन्दुओं की क्रमश: दूरी $10$ सेमी और $ 20$ सेमी है । इन बिन्दुओं पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता का अनुपात $12.5 : 1$. हैै, तो चुम्बक की लम्बाई .....$cm$ है