ग्रीष्म ऋतु की गर्म रात्रि में, भू-तल के निकट, वायु का अपवर्तनांक न्यूनतम होता है और भू-तल से ऊँचाई के साथ बढ़ता जाता है। यदि, कोई प्रकाश-किरण-पुंज क्षैतिज दिशा में जा रहा हो तो, हाइगेन्स के सिद्धान्त से यह परिणाम प्राप्त होता है कि, चलता प्रकाश-किरण पुंज

  • [JEE MAIN 2015]
  • A

    बिना विक्षेपित हुए, क्षैतिज दिशा में चलता रहेगा।

  • B

    नीचे की ओर झुक जायेगा।

  • C

    ऊपर की और झुक जायेगा।

  • D

    संकुचित (संकीण) हो जायेगा।

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  • [AIPMT 1988]