किसी तरंग के तरंगाग्र की दिशा, तरंग गति के
समान्तर होती है
लम्बवत् होती है
विपरीत होती है
$\theta$ कोण पर होती है
(b)तरंग की दिशा तरंगाग्र के लम्बवत् होती है।
निम्नलिखित दशाओं में प्रत्येक तरंगाग्र की आकृति क्या है?
$(a)$ किसी बिंदु स्रोत से अपसरित प्रकाश।
$(b)$ उत्तल लेंस से निर्गमित प्रकाश, जिसके फ़ोकस बिंदु पर कोई बिंदु स्रोत रखा है।
$(c)$ किसी दूरस्थ तारे से आने वाले प्रकाश तरंगाग्र का पृथ्वी द्वारा अवरोधित (intercepted) भाग।
किसी बिन्दुवत् स्रोत से निकलने वाली अपसारी किरणों से बनने वाला तरंगाग्र होता है
ग्रीष्म ऋतु की गर्म रात्रि में, भू-तल के निकट, वायु का अपवर्तनांक न्यूनतम होता है और भू-तल से ऊँचाई के साथ बढ़ता जाता है। यदि, कोई प्रकाश-किरण-पुंज क्षैतिज दिशा में जा रहा हो तो, हाइगेन्स के सिद्धान्त से यह परिणाम प्राप्त होता है कि, चलता प्रकाश-किरण पुंज
हाइगन तरंग सिद्धांत से ज्ञात हो सकता है
संलग्न चित्र में $CP$ एक तरंगाग्र को प्रदर्शित करती है। $AO$ तथा $BP$ दो किरणें हैं। बिन्दु $P$ पर किरण $BP$ तथा परावर्तित किरण $OP $ के बीच संपोषी व्यतिकरण के लिए $\theta $ की स्थिति होगी
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