$2\, L$ लम्बाई की एक छड़ $AB$ के दो सिरों के बीच तापान्तर $120^{\circ} C$ रखा गया है। एक और इसी अनुप्रस्थ काट की $\frac{3 L }{2}$ लम्बाई की मुड़ी हुयी छड़ $PQ$ को चित्रानुसार $AB$ से जोड़ा गया है। स्थिरावस्था में $P$ तथा $Q$ के बीच तापमान के अंतर का सन्निकट मान .......... $^oC$ होगा :
$45$
$75$
$60$
$35$
दिखाये गये चित्रानुसार ' $3 K$ ' तथा ' $K$ ' ऊष्मा चालकता गुणांक एवं, क्रमशः 'd' तथा '3d' मोटाई वाले दो पदार्थो को जोड़कर एक पट्टिका बनायी गयी है। उनके बाहरी सतहों के तापमान क्रमशः ' $\theta_{2}$ ' और $^{\prime} \theta_{1}$ ' हैं $\left(\theta_{2}>\theta_{1}\right)$ । अंतरपृष्ठ का तापमान हैं।
समान लम्बाई समान पदार्थ की दो छड़ों के सिरों को जोड़ने पर दी गई ऊष्मा $12$ सैकण्ड में एक सिरे से दूसरे सिरे तक संचारित हो जाती है। यदि उन्हें समान्तर क्रम में जोड़ा जाए तब समान ऊष्मा संचरण हेतु लगने वाला समय ....... $\sec$ होगा
त्रिज्या $R$ का एक बेलन एक बेलनाकार कोश, जिसकी आंतरिक त्रिज्या $R$ तथा बाह्य त्रिज्या $2 R$ है, से घिरा है। आंतरिक बेलन की ऊष्मा चालकता $K_{1}$ तथा बाहय बेलन की ऊष्मा चालकता $K _{2}$ है। माना कि बेलनों से ऊष्मा क्षय शून्य है, तो इस निकाय की प्रभावी ऊष्मा चालकता, जबकि ऊष्मा का प्रवाह बेलन की लम्बाई के अनुदिश है, होगी।
दो समरूपी आयताकार गुटकों को दर्शाये चित्रानुसार दो विन्यासों $I$ और $II$ में व्यवस्थित किया गया है। गुटकों की ऊष्मा चालकता $k$ व $2 k$ है। दोंनो विन्यासों में $x$-अक्ष के दोंनो छोरों पर तापमान का अन्तर समान है। विन्यास $I$ में, ऊष्मा की एक निश्चित मात्रा गरम छोर से ठण्डे छोर तक अभिगमन में $9 s$ लेती है। विन्यास $II$ में, समान मात्रा की ऊष्मा के अभिगमन के लिए समय है :
दो पतले कम्बल उनकी कुल मोटाई के तुल्य एक कम्बल, की तुलना में अधिक गर्माहट देते हैं क्योंकि