किसी परमाणु के नाभिक द्वारा एकसाथ प्रकीर्णित समान ऊर्जा के चार $\alpha  - $ कणों के पथों को चित्रानुसार प्रदर्शित किया गया है। कौन सा पथ सम्भव नहीं है

155-127

  • A

    $3$ तथा $4$

  • B

    $2$ तथा $3$

  • C

    $1$ तथा $4$

  • D

    केवल $4$

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$5 \,MeV$ ऊर्जा का एक अल्फा कण एक स्थिर यूरेनियम नाभिक से $180^o$ के कोण पर प्रकीर्ण होता है। $\alpha  - $ कण की नाभिक के निकटतम आने की दूरी का कोटि मान है

  • [IIT 1981]

मान लीजिए कि स्वर्ण पन्नी के स्थान पर ठोस हाइड्रोजन की पतली शीट का उपयोग करके आपको ऐल्फा-कण प्रकीर्णन प्रयोग दोहराने का अवसर प्राप्त होता है। (हाइड्रोजन $14 K$ से नीचे

$10\, kg$ का कोई उपग्रह $8000\, km$ त्रिज्या की एक कक्षा में पृथ्वी का एक चक्कर प्रत्येक $2 \,h$ में लगाता है। यह मानते हुए कि बोर का कोणीय संवेग का अभिगृहीत, उसी प्रकार उपग्रह पर लागू होता है जिस प्रकार कि यह हाइड्रोजन के परमाणु में किसी इलेक्ट्रॉन के लिए मान्य है, उपग्रह की कक्षा की क्वांटम संख्या ज्ञात कीजिए।

नीचे दिया गया चित्र एक निश्चित परमाणु के $4E$ ऊर्जा स्तर से $E$ ऊर्जा स्तर में संक्रमण को दर्शाता है। उत्सर्जित फोटॉन की तरंगदैध्र्य $\lambda_1$ है। $\frac{7}{3}E$ से $E$ ऊर्जा स्तर में संक्रमण से उत्सर्जित फोटॉन की तरंगदैध्र्य $\lambda _2$ है तब $\frac{{{\lambda _1}}}{{{\lambda _2}}}$ का मान है

हाइड्रोजन परमाणु का आयनन विभव $13.6 eV$ है। हाइड्रोजन परमाणुओं को $12.1eV$ फोटॉन ऊर्जा के एकवर्णी विकिरण द्वारा मूल अवस्था से उत्तेजित किया जाता है। बोहर के सिद्धान्तानुसार, हाइड्रोजन परमाणुओं द्वारा उत्सर्जित वर्णक्रम रेखायें होंगी