व्यंजक $\left( {\frac{1}{{\sqrt 2 }}\hat i + \frac{1}{{\sqrt 2 }}\hat j} \right)$ है

  • A

    इकाई सदिश

  • B

    शून्य सदिश

  • C

    $\sqrt 2 $ परिमाण का सदिश

  • D

    अदिश

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यदि सदिश $\mathop P\limits^ \to $ $X, Y $ तथा $Z$ अक्षों के साथ क्रमश:$\alpha, \beta\ $ तथा $ \gamma$ कोण बनाये तो ${\sin ^2}\alpha + {\sin ^2}\beta + {\sin ^2}\gamma $ का मान होगा

किसी द्रव्यमान पर आरोपित बल $\mathop F\limits^ \to = 6\hat i - 8\hat j + 10\hat k$ द्वारा प्रदर्शित है, जो कि द्रव्यमान को $1\;m/{s^2}$ से त्वरित करता है। द्रव्यमान का मान (किग्रा में) होगा

$0.4\hat i + 0.8\hat j + c\hat k$ एक इकाई सदिश को प्रदर्शित करता है जब $c$ का मान है

किसी कण का स्थिति सदिश $\vec r = (a\cos \omega \,t)\hat i + (a\sin \omega \,t)\hat j$ है। कण का वेग होगा

  • [AIPMT 1995]

निम्नलिखित में से प्रत्येक कथन को ध्यानपूर्वक पढ़िए और कारण सहित बताइए कि यह सत्य है या असत्य :

$(a)$ किसी सदिश का परिमाण सदैव एक अदिश होता है,

$(b)$ किसी सदिश का प्रत्येक घटक सदैव अदिश होता है,

$(c)$ किसी कण द्वारा चली गई पथ की कुल लंबाई सदैव विस्थापन सदिश के परिमाण के बराबर होती है,

$(d)$ किसी कण की औसत चाल ( पथ तय करने में लगे समय द्वारा विभाजित कुल पथ-लंबाई) समय के समान-अंतराल में कण के औसत वेग के परिमाण से अधिक या उसके बराबर होती है ।

$(e)$ उन तीन सदिशों का योग जो एक समतल में नहीं हैं, कभी भी शून्य सदिश नहीं होता ।