निम्न ग्राफ उस क्षेत्र में तार की लम्बाई के व्यवहार को दर्शाता है जिसमें पदार्थ हुक के नियम का पालन करता है। $P$ तथा $Q$ प्रदर्शित करते हैं
$P =$ आरोपित बल, $Q =$ प्रसार
$P =$ प्रसार, $Q =$ आरोपित बल
$P =$ प्रसार, $Q =$ संचित प्रत्यास्थ ऊर्जा
$P =$ संचित प्रत्यास्थ ऊर्जा, $Q =$ प्रसार
पीतल, स्टील व रबर के प्रतिबल-विकृति वक्र चित्र में प्रदर्शित हैं। रेखायें $A, B$ तथा $C$ क्रमश: प्रदर्शित करती हैं
तीन विभिन्न पदार्थों के तारों का विकृति-प्रतिबल वक्र चित्र में दर्शाया गया है। $P, Q$ तथा $R$ उन तारों की प्रत्यास्थ सीमाएँ हैं। चित्र से ज्ञात होता है कि
दर्शाए गए चित्र में किसी एक समान पतले तार की, दो विभिन्न तापों $T_1$ तथा $T_2$ पर प्रतिबल के कारण, लंबाई में परिवर्तन $x$ प्रदर्शित है। परिवर्तन दर्शाता है कि
उपरोक्त ग्राफ में बिन्दु $B$ दर्शाता है
आरोपित प्रत्यास्थ बल व विस्थापन के मध्य ग्राफ की सहायता से बल नियतांक का मान होगा