निम्न ग्राफ उस क्षेत्र में तार की लम्बाई के व्यवहार को दर्शाता है जिसमें पदार्थ हुक के नियम का पालन करता है। $P$ तथा $Q$ प्रदर्शित करते हैं

49-11

  • A

    $P =$ आरोपित बल, $Q =$ प्रसार

  • B

    $P =$ प्रसार, $Q =$ आरोपित बल

  • C

    $P =$ प्रसार, $Q =$ संचित प्रत्यास्थ ऊर्जा

  • D

    $P =$ संचित प्रत्यास्थ ऊर्जा, $Q =$ प्रसार

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पीतल, स्टील व रबर के प्रतिबल-विकृति वक्र चित्र में प्रदर्शित हैं। रेखायें $A, B$ तथा $C$ क्रमश: प्रदर्शित करती हैं

तीन विभिन्न पदार्थों के तारों का विकृति-प्रतिबल वक्र चित्र में दर्शाया गया है। $P, Q$ तथा $R$ उन तारों की प्रत्यास्थ सीमाएँ हैं। चित्र से ज्ञात होता है कि

दर्शाए गए चित्र में किसी एक समान पतले तार की, दो विभिन्न तापों $T_1$ तथा $T_2$ पर प्रतिबल के कारण, लंबाई में परिवर्तन $x$ प्रदर्शित है। परिवर्तन दर्शाता है कि

उपरोक्त ग्राफ में बिन्दु $B$ दर्शाता है

आरोपित प्रत्यास्थ बल व विस्थापन के मध्य ग्राफ की सहायता से बल नियतांक का मान होगा