निम्न ग्राफ उस क्षेत्र में तार की लम्बाई के व्यवहार को दर्शाता है जिसमें पदार्थ हुक के नियम का पालन करता है। $P$ तथा $Q$ प्रदर्शित करते हैं
$P =$ आरोपित बल, $Q =$ प्रसार
$P =$ प्रसार, $Q =$ आरोपित बल
$P =$ प्रसार, $Q =$ संचित प्रत्यास्थ ऊर्जा
$P =$ संचित प्रत्यास्थ ऊर्जा, $Q =$ प्रसार
किसी धातु के लिये विकृति तथा प्रतिबल के मध्य ग्राफ दर्शाया गया है। ग्राफ का वह भाग जिसमें हुक के नियम का पालन होता है, होगा
नियत आयतन $V$ के तांबे से, $l$ लम्बाई का एक तार बनाया गया हैं इस तार पर एक नियत (अचर) बल $F$ लगाने से, इस लम्बाई में $\Delta l$ वृद्धि हो जाती है, तो निम्नांकित में से कौन-सा ग्राफ सरल रेखा होगा ?
चित्र में, प्रदर्शित प्रतिबल-विकृति ग्राफ से यंग प्रत्यास्थता गुणांक का मान होगा $(N/m$${^2}$ में$)$
निम्नांकित वक्र एक समान पतले तार के लिये आरोपित बल $(F)$ तथा विकृति $(x)$ के बीच संबंध को दर्शाता है। तार द्रव की भांति किस क्षेत्र में व्यवहार करेगा
निम्न चित्र में किसी रबर के लिए बल-प्रसार ग्राफ प्रदर्शित है। निम्न कथनों पर विचार करें
$I.$ इस रबर को खींचने के बजाय संपीड़ित करना आसान होग
$II.$ रबर को खींचने के बाद, यह अपनी प्रारंभिक लम्बाई तक नहीं लौटेगी
$III.$ यदि इसे खींच कर छोड़ दिया जाये तो रबर गर्म हो जायेगी
ग्राफ से उपरोक्त में से कौनसा कथन सत्य है