एक आवेशित कण पर आवेश का मान $-2 \mu C$ है। यह $y$ दिशा में क्रियाकारी $2 \,T$ के चुम्बकीय क्षेत्र में वेग $(2 \hat{ i }+3 \hat{ j }) \times 10^{6} ms ^{-1}$ से चल रहा हो तो इस पर क्रियाकारी चुम्बकीय बल होगा

  • [AIPMT 2009]
  • A

    $4\,N$ in $+ z  $ दिशा में

  • B

    $8\,N$ in $ +y $ दिशा में

  • C

    $8\,N$ in $ +z $ दिशा में

  • D

    $8\,N$ in $ -z$ दिशा में

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एक समरूप चुम्बकीय प्रेरण ‘$B$’ में, $M$ द्रव्यमान तथा $Q$ आवेश का एक कण $\mathop v\limits^ \to  $ वेग से $R$ त्रिज्या का वृत्तीय पथ बनाते हुये गतिशील है। जब कण $1$ पूर्ण चक्र लगाता है तो क्षेत्र द्वारा किया गया कार्य है

  • [AIEEE 2003]

एक प्रोटोन, एक डयूट्रॉन और एक $\alpha$-कण समान गतिज ऊर्जा से एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में चुम्बकीय क्षेत्र के लम्बवत् प्रवेश करते है। उनके संगत वृतीय पथो की त्रिज्याओं का अनुपात होगा-

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$v$ वेग से गतिशील एक प्रोटॉन (आवेशित कण) पर विद्युत क्षेत्र $E$ एवं चुम्बकीय क्षेत्र $B$ लगाया जाता है। प्रोटॉन बिना किसी विक्षेप के गतिशील रहेगा यदि

एक आवेश $c$ और द्रव्यमान $m$ वाला आवेशित कण $a$ भुजा वाले वर्ग क्षेत्र (square region of side), जहाँ एक-समान चुंबकीय क्षेत्र (uniform magnetic field) $B$ अपने समतल के लम्बवत है, से गुजरते हुए कोण $\theta$ पर विक्षेपित (ceflect) होता है। मान लीजिए कि यह कण वर्गक्षेत्र में किसी भुजा से समकोण बनते हुए प्रवेश करता है तो कुण की गति (speed) क्या होगी?

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साइक्लोट्रॉन में धनायन की अधिकतम गतिज ऊर्जा है