एक कण जिसकी संहति इलेक्ट्रॉन की संहति से  $400$ गुना व आवेश इलेक्ट्रॉन के आवेश का दुगना है, $5 V$ विभवान्तर के द्वारा त्वरित किया जाता है। यदि कण प्रारम्भ में स्थिर था, तो उसकी अंतिम गतिज ऊर्जा  ........ $ eV$ होगी

  • A

    $5$

  • B

    $10 $

  • C

    $100$

  • D

    $2000$

Similar Questions

प्रयोग करते हुए एक दिन मिलीकन ने एक बूँद पर निम्नलिखित आवेश प्रेरित किये

$(i)$ $6.563 \times {10^{ - 19}}C$ $(ii)$  $8.204 \times {10^{ - 19}}C$

$(iii)$  $11.50 \times {10^{ - 19}}C$ $(iv)$  $13.13 \times {10^{ - 19}}C$

$(v)$  $16.48 \times {10^{ - 19}}C$ $(vi)$  $18.09 \times {10^{ - 19}}C$

 इन आँकड़ों से मूल आवेश $(e)$ का मान आया

मिलिकन के तेल बूँद प्रयोग में, तेल बूंद पर आवेश  $6.35 \times {10^{ - 19}}C$ है। तो बूंद पर कितने इलेक्ट्रॉनों की अधिकता होगी     

मिलिकन के प्रयोग में धातु की दो क्षैतिज प्लेटों के बीच की दूरी  $2.5 \,\,cm$ तथा विभवान्तर $250$ वोल्ट आरोपित किया गया है, तो प्लेटों के मध्य विद्युत क्षेत्र  .......... $V/m$ होगा

कैथोड किरणें एवं कैनाल किरणें एक विसर्जन नलिका में उत्पन्न  होती हैं, एक ही दिशा में विक्षेपित होंगी यदि

कैथोड किरणें, दृष्य प्रकाष किरणों के समान होती हैं क्योंकि