विद्युत आवेश मूल इलेक्ट्रॉनिक आवेश के पूर्णांक गुणक होते हैं, इस तथ्य को प्रायोगिक रूप से सिद्ध किया था
प्लांक ने
जे.जे. थॉमसन ने
आइन्सटीन ने
मिलिकन ने
$1$ मीटर लम्बी छड़ी $2.7 \times {10^8}m{s^{ - 1}}$ के वेग से गतिमान है। छड़ी की अभासी लम्बाई ........... $m$ है (जहाँ$c = 3 \times {10^8}$ मी/सै)
निम्न प्रश्नों के उत्तर द्रीजिए :
$(a)$ ऐसा विचार किया गया है कि प्रोटॉन और न्यूट्रॉन के भीतर क्वार्क पर आंशिक आवेश होते हैं $[(+2 / 3) e ;(-1 / 3) e]$ । यह मिलिकन तेल-बूँद प्रयोग में क्यों नहीं प्रकट होते?
$(b)$ $e / m$ संयोग की क्या विशिष्टता है? हम $e$ तथा $m$ के विषय में अलग-अलग विचार क्यों नहीं करते?
$(c)$ गैसें सामान्य दाब पर कुचालक होती हैं परंतु बहुत कम दाब पर चालन प्रारंभ कर देती हैं। क्यों?
$(d)$ प्रत्येक धातु का एक निश्चित कार्य-फलन होता है। यदि आपतित विकिरण एकवर्णी हो तो सभी प्रकाशिक इलेक्ट्रॉन समान ऊर्जा के साथ बहर क्यों नहीं आते हैं? प्रकाशिक इलेक्ट्रोनों का एक ऊर्जा वितरण क्यों होता है?
$(e)$ एक इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा तथा इसका संवेग इससे जुड़े पदार्थ-तरंग की आवृत्ति तथा इसके तरंगदैर्घ्य के साथ निम्न प्रकार संबंधित होते हैं :
$E=h v, p=\frac{h}{\lambda}$
परंतु $\lambda$ का मान जहाँ भौतिक महत्व का है, $v$ के मान (और इसलिए कला चाल $v \lambda$ का मान ) का कोई भौतिक महत्व नहीं है। क्यों?
विसर्जन नलिका में विद्युत धारा का चालन किस कारण से होता है
मिलिकन प्रयोग में, $d$ दूरी पर स्थित दो प्लेटों के मध्य विभवान्तर $V$ आरोपित करने पर, $q$ आवेश से आवेशित तेल बूंद स्थिर हो जाती है, तो बूंद का भार है
किसी इलेक्ट्रॉन गन में, इलेक्ट्रॉन $ V$ विभव से त्वरित किये जाते हैं। यदि इलेक्ट्रॉन का आवेश $ e$ एवं द्रव्यमान $ m $ है तो इन इलेक्ट्रॉनों का अधिकतम वेग होगा