एक फोटॉन का संवेग $2 \times {10^{ - 16}} $ ग्राम सेमी/सैकण्ड है तो उसकी ऊर्जा होगी
$0.61 \times {10^{ - 26}}erg$
$2.0 \times {10^{ - 26}}erg$
$6 \times {10^{ - 6}}erg$
$6 \times {10^{ - 8}}erg$
$\lambda = 150\,nm$ तरंगदैध्र्य के संगत फोटॉन और $\lambda = 300\,nm$ तरंगदैध्र्य के संगत फोटॉन की ऊर्जाओं का अनुपात होगा
यदि मुक्त आकाश में प्रकाश का वेग $c$ है, फोटान के लिए निम्नलिखित में सही कथन है:
$A$. फोटान की ऊर्जा $E=h v$ है।
$B$. फोटान का वेग $c$ है।
$C$. फोटान का संवेग $p=\frac{h v}{c}$ है।
$D$. फोटान-इलैक्ट्रान संघट्ट में, दोनों कुल ऊर्जा व कुल संवेग संरक्षित रहते हैं।
$E$. फोटान पर धनात्मक आवेश होता है।
निम्नलिखित विकल्पों से सही उत्तर चुनिए:
प्रकाश विद्युत प्रभाव के कारण धातु पृष्ठ से उत्सर्जित इलेक्ट्रॉनों की गतिज ऊर्जा
तीव्रता $6.4 \times 10^{-5} \,W / cm ^{2}$ वाले विधुत-चुम्बकीय विकिरण के एक किरणपुंज में तरंगदैर्ध्य $\lambda=310 \,nm$ हैं। यह किरण पुंज एक धातु (कार्य फलन $\varphi=2\, eV$ ) की सतह पर लम्बवत् $1 \,cm ^{2}$ क्षेत्रफल पर पड रहा है। यदि सतह पर पडने वाले $10^{3}$ फोटॉनों में से केवल एक फोटॉन एक इलैक्ट्रॉन को निष्कासित करता हो और $1 \,s$ में निष्कासित इलेक्ट्रॉनों की संख्या $10^{x}$ हो, तो $x$ का मान है।
$\left( hc =1240 \, eVnm , 1 \,eV =1.6 \times 10^{-19} \,J \right)$
एक प्रकाश उत्सर्जक सेल में कार्यकारी तरंगदैर्ध्य $\lambda $ है एवं सबसे तेज इलेक्ट्रॉन का वेग $v$ है। यदि उत्तेजित तरंगदैर्ध्य बदलकर $\frac{{3\lambda }}{4}$ हो जाये तो सबसे तेज इलेक्ट्रॉन का वेग होगा