एक ट्रांसफॉर्मर की प्राथमिक तथा द्वितीयक कुण्डली में फेरों की संख्या क्रमश: $5$ तथा $10$ है तथा ट्राँसफॉर्मर का अन्योन्य प्रेरकत्व $25$ हेनरी है। अब ट्रांसफॉर्मर की प्राथमिक तथा द्वितीयक कुण्डली में फेरों की संख्या क्रमश: $10$ तथा $5$ कर दी जाती है। ट्राँसफॉर्मर का नया अन्योन्य प्रेरकत्व हेनरी में होगा
$6.25$
$12.5$
$25$
$50$
एक छोटी परिनालिका (जिसकी लम्बाई $\ell$ तथा त्रिज्या $r$ है और प्रति लम्बाई $n$ फेरें हैं), जो कि समअक्षीय बहुत लम्बी परिनालिका (जिसकी प्रति लम्बाई में $N$ फेरें है और लम्बाई $L$ एवं त्रिज्या $R$, जहाँ $R > r$ हैं) के अंदर इसके अक्ष पर रखी जाती है। छोटी परिनालिका में धारा । प्रवाहित होती है। सही तथ्य का चुनाव कीजिए।
एक ' $R$ ' त्रिज्या वाले तार के एक छोटे वृत्ताकार पाश का भुजा $\mathrm{L}(\mathrm{L}>\mathrm{R})$ के तार के एक बड़े वर्गाकार पाश के अन्दर रखा गया है, इस व्यवस्था में अन्योन्य प्रेरकत्व ज्ञात कीजिए। दोनो पाश सह-तलीय तथा सकेन्द्रिय हैं।
$L$ लम्बाई की भुजा वाले एक वर्गाकार लूप के अन्दर l लम्बाई की भुजा वाला एक छोटा वर्गाकार लूप रखा जाता है $(L > l)$ दोनों लूप समतलीय है एवं इनके केन्द्र संपाती है। इस निकाय का अन्योन्य प्रेरण समानुपाती है
दो लूपों के निम्न निकाय का अन्योन्य प्रेरण गुणांक होगा, यदि लूपों के केन्द्रों के बीच की दूरी l है
प्रेरण कुण्डली किस सिद्धांत पर कार्य करती है