दो लूपों के निम्न निकाय का अन्योन्य प्रेरण गुणांक होगा, यदि लूपों के केन्द्रों के बीच की दूरी l है
$\frac{{{\mu _0}\pi {a^4}}}{{8{l^3}}}$
$\frac{{{\mu _0}\pi {a^4}}}{{4{l^3}}}$
$\frac{{{\mu _0}\pi {a^4}}}{{6{l^3}}}$
$\frac{{{\mu _0}\pi {a^4}}}{{2{l^3}}}$
यदि प्राथमिक कुण्डली में बहने वाली $3.0$ ऐम्पियर धारा को $0.001$ सैकण्ड में शून्य कर दिया जाये, तो द्वितीयक कुण्डली में उत्पन्न प्रेरित वि. वा. बल $15000$ वोल्ट होता है। इन कुण्डलियों का अन्योन्य प्रेरण गुणांक.......हेनरी है
दो परिपथों के बीच अन्योन्य प्रेरण गुणांक $0.09$ हेनरी है। यदि प्राथमिक कुण्डली में धारा $0.006$ सैकण्ड में $0$ से $20$ ऐम्पियर हो जाती है, तो द्वितीयक कुण्डली में प्रेरित वि. वा. बल का औसत मान .....वोल्ट होगा
${\rm{S}}\,{\rm{I}}$ पद्धति में हेनरी मात्रक है
चित्र में दर्शाये अनुसार $R$ त्रिज्या का एक वत्ताकार तार लूप (पाश) $x-y$ तल में रखा है और इसका केन्द्र $O$ पर है। इस वत्ताकार लूप के अक्ष पर भुजा $a ( a \ll R )$ की दो फेरों वाली वर्ग-कुंडली रखी है जिसका केन्द्र $z =\sqrt{3 R }$ पर है (चित्र देखिये)। कुण्डली का तल $z$-अक्ष से $45^{\circ}$ कोण पर है। यदि लूप और कुंडली का अन्योन्य प्रेरकत्व $\frac{\mu_0 a ^2}{2^{ p / 2} R }$ है, तब $p$ का मान क्या है ?
जब एक कुण्डली में बहने वाली धारा $0.1$ सैकण्ड में $10$ ऐम्पियर से शून्य कर दी जाती है तो नजदीक रखी दूसरी कुण्डली में $100$ मिली वोल्ट का वि. वा. बल प्रेरित होता है। दोनों कुण्डलियों के बीच अन्योन्य प्रेरण गुणांक का मान ......मिली हेनरी होगा