किसी लोलक का गोलक एक क्षैतिज अवस्था से छोड़ा जाता है। लोलक की लम्बाई $10$ मी. है। सबसे निचले बिन्दु पर पहुँचने पर गोलक की चाल क्या होगी जबकि इसकी प्रारम्भिक ऊर्जा का $10 \%$ वायु प्रतिरोध के विरुद्ध व्यय होता है :

[दिया है, $\mathrm{g}: 10 \mathrm{~ms}^{-2}$ ]

  • [JEE MAIN 2024]
  • A

    $6 \sqrt{5} \mathrm{~ms}^{-1}$

  • B

     $5 \sqrt{6} \mathrm{~ms}^{-1}$

  • C

    $5 \sqrt{5} \mathrm{~ms}^{-1}$

  • D

     $2 \sqrt{5} \mathrm{~ms}^{-1}$

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एक सरल लोलक को एक ऐसे स्थान पर रखा गया है कि इसकी पृथ्वी तल से दूरी पृथ्वी की त्रिज्या के समान है। यदि डोरी की लम्बाई $4$ मी. हो, तो सूक्ष्म दोलन का आवर्त काल से होगा। [दिया है, $\mathrm{g}=\pi^2 \mathrm{~ms}^{-2}$ ]

  • [JEE MAIN 2024]

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यदि एक सरल लोलक की लम्बाई  $9 $ गुना एवं इसके गोलक का द्रव्यमान $4$ गुना कर दें तो इसका दोलनकाल हो जायेगा ($T =$ प्रारम्भिक दोलनकाल)

सरल लोलक की लम्बाई तथा उसके आवर्तकाल के बीच सही ग्राफ है