नियत आवेश से आवेशित दो गोलाकार के मध्य के बलों का अनुपात $(a)$ वायु में $(b)$ $K$ परावैद्युतांक माध्यम में होता है
$1 : K$
$K : 1$
$1:{K^2}$
${K^2}:1$
दो आवेश $ + 4e$ व $ + e$ को $x$ दूरी पर रखा गया है। एक अन्य आवेश को $ + e$ आवेश से कितनी दूर रखा जाये जिससे वह सन्तुलन में रह सके
लम्बाई $ a$ के एक वर्ग के चारों कोनों $A,\,B,\,C,\,D$ पर समान आवेश $q$ रखे हैं। $D$ पर रखे हुए आवेश पर लगने वाले बल का परिमाण होगा
एक उदासीन धात्विक गोले से जब ${10^{14}}$ इलेक्ट्रॉन हटाये जाते हैं, तो गोले पर आवेश हो जाता है
द्रव्यमान $1\, mg$ और आवेश $q$ का कोई कण, एक दूसरे से $2\, m$ दूरी पर स्थित दो स्थिर आवेशों जिनमें प्रत्येक का आवेश $q$ है, के मध्यबिन्दु पर स्थित है। यदि मध्य बिन्दु स्थित कण मुक्त आवेश को अपनी साम्य स्थिति से किसी दूरी $'x'$ $( x \,<\,1 \,m )$ तक विस्थापित करे, तो यह कण सरल आवर्त गति करने लगता है। इसके दोलन की कोणीय आवत्ति $.........\,\times 10^{8}\, rad / s$ होगी यदि $q ^{2}=10 \,C ^{2}$ ।
दो ताँबे की गेंदें, प्रत्येक का भार $10\, gm$ है। एक दूसरे से वायु में $10\,cm$ दूर रखी हैं। यदि प्रत्येक ${10^6}$ परमाणुओं से एक इलेक्ट्रॉन एक गेंद से दूसरी गेंद की ओर स्थानान्तरित होता है। इनके मध्य कूलॉम बल है। (ताँबे का परमाणु भार $63.5$ है)