निम्न परिपथ में जुड़े अमीटर का पाठ......$A$ है
$2$
$2.4$
$0$
$1.7$
दिया है ${X_L} = {X_C} = 5\Omega ,$ यह अनुनाद की स्थिति है इसलिए ${V_L} = {V_C},$ इसलिए $L$ व $C$ के संयोजन पर कुल वोल्टेज शून्य होगा।
दिष्ट धारा के लिये किसी कुण्डली का प्रतिरोध $5$ ohms है। प्रत्यावर्ती धारा के लिये प्रतिरोध
एक $RC$ परिपथ, जैसा कि चित्र में दिखाया गया है, किसी ऐसे प्रत्यावर्ती धारा स्त्रोत से प्रचालित होता है जो वर्गाकार तरंग उत्पन्न करता है। $CRO$ द्वारा मॉनीटर की गई निर्गत तरंग का पैटर्न किससे लगभग मिलता जुलता दिखाई देगा?
एक परिपथ में एक प्रेरकत्व $L$ की एक कुण्डली तथा $C$ संधारिता का एकअनावेशित संधारित्र है। कुण्डली एक समान चुम्बकीय क्षेत्र में इस प्रकार रखी गयी है कि इसके परितः अभिभाव (फ्लक्स) $\Phi$ है। $t =0$, समय पर चुम्बकीय क्षेत्र को अचानक बंद कर दिया जाता है। मान लीजिये की $\omega_0=\frac{1}{\sqrt{L C}}$ तथा परिपथ के प्रतिरोध को नगण्य मानिए। तब
एक $12\, \Omega $ के प्रतिरोध एवं $0.21\, H$ के प्रेरकत्व को श्रेणीक्रम में $20 \,volts$, $50 \,Hz$ के $ac$ स्रोत से जोड़ा जाता है। धारा एवं स्रोत के वोल्टेज के मध्य कला कोण ……..$^o$ होगा
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