ग्लिसरीन का वास्तविक प्रसार गुणांक $0.000597°C^{-1}$ एवं ग्लास का रेखीय प्रसार गुणांक $0.000009°C^{-1}$ है। तब ग्लिसरीन का आभासी प्रसार गुणांक होगा
$0.000558\, per°C$
$0.00057 \,per°C$
$0.00027 \,per°C$
$0.00066 \,per°C$
कोई द्विधात्विक पट्टिका दो धातुओं $A$ तथा $B$ से बनी है। इसे आरेख में दर्शाए अनुसार दढ़तापूर्वक आरोपित किया गया है। धातु $A$ का प्रसार गुणांक धातु $B$ की तुलना में अधिक है। जब इस द्विधात्विक पट्टिका को किसी शीत पात्र में रखा जाता है, तो यह पट्टिका।
एक धात्विक छड़ $A$ की लम्बाई $20\, cm$ है। जब छड़ का ताप $0°C$ से $100°C$ कर दिया जाता है तो इसकी लम्बाई में वृद्धि $0.075cm$ है। समान ताप परिवर्तन के लिए एकसमान लम्बाई की अन्य छड़ $B$ की लम्बाई में वृद्धि $0.045\, cm$ है। एक समान लम्बाई की तीसरी छड़ दो भागों से मिलकर बनी है एक भाग धातु $A$ व दूसरा भाग धातु $B$ का बना हुआ है। समान ताप परिवर्तन के लिए इस छड़ की लम्बाई में वृद्धि $0.060 \,cm$ है। तब तीसरी छड़ का धातु $A$ से बने हुए भाग की लम्बाई ........ $cm$ हैं
एक लौह दण्ड की $20°C$ पर लम्बाई $10\, cm$ है। $19°C$ पर इसकी लम्बाई होगी (लोहे के लिए रेखीय प्रसार गुणांक $\alpha$$= 11 \times 10^{-6}/°C$)
एक द्विधातु पट्टी का निर्माण ताँबे तथा पीतल की समान लम्बाई की पट्टियों से किया गया हैं दोनों धातुओं के रेखीय प्रसार गुणांक क्रमश: ${\alpha _C}$ एवं ${\alpha _{B}}$ है। गर्म करने पर पट्टी के तापक्रम में $\Delta T$ की वृद्धि होती है एवं पट्टी $R$ वक्रता त्रिज्या के एक चाप का स्वरूप लेती है तो त्रिज्या $R$ होगी
जब एक द्रव को ताम्र-पात्र में भरकर गर्म किया जाता है, तब इसका आभासी प्रसार गुणांक $C$ है एवं जब इसे रजत-पात्र में गर्म किया जाता है तब इसका आभासी प्रसार गुणांक $S$ है। यदि ताम्र का रेखीय प्रसार गुणांक $A$ हो तब रजत का रेखीय प्रसार गुणांक है