स्पीशीज जिसमें आबंध कोण $120^{\circ}$ है
$ClF_3$
$NCl_3$
$BCl_3$
$PH_3$
$IIIA$ समूह में, $Tl$ (थैलियम) $+1$ ऑक्सीकरण अवस्था दर्शाता है जबकि अन्य सदस्य $+3$ ऑक्सीकरण अवस्था दर्शाते हैंं, ऐसा क्यों होता है
$B – Cl$ आबंध द्विध्रुव आघूर्ण रखता है, किन्तु $BCl$ अणु का द्विधुव आधूर्ण शून्य होता है। क्यों ?
डाई बोरेन $({B_2}{H_6})$ की संरचना में होते हैं
डाइबोरेन तथा बोरिक अम्ल की संरचना समझाइए।
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