एल्युमिनियम का कार्य फलन  $4.2eV.$ है। यदि दो फोटॉन, प्रत्येक की ऊर्जा $3.5 eV$है, एल्युमीनियम के एक इलेक्ट्रॉन से टकराते हैं, तो इलेक्ट्रॉन उत्सर्जन

  • A

    सम्भव है

  • B

    सम्भव नहीं है

  • C

    आँकड़े अपर्याप्त हैं

  • D

    पृष्ठ के घनत्व पर निर्भर करेगा

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किसी तत्व के नाभिक और परमाणु दोनों अपनीअपनी प्रथम उत्तेजित अवस्था में हैं। क्रमशः $\lambda_{ N }$ तथा $\lambda_{ A }$ तरंगदैर्ध्य के फोटॉनों को उत्सर्जित कर वह दोनों व्युत्तेजित होते हैं। अनुपात $\frac{\lambda_{ N }}{\lambda_{ A }}$ का निकट मान है

  • [JEE MAIN 2018]

मानव नेत्र हरे प्रकाश ($\lambda$ $= 5000\ \mathop A\limits^o $) के $5 × 10^4$ फोटॉन प्रति वर्ग मीटर प्रति सैकण्ड संसूचित कर सकता है, जबकि कान  ${10^{ - 13}}\,(W/{m^2})$ संसूचित कर सकता है। नेत्र, कान की तुलना में लगभग कितने गुणक से अधिक संवेदनशील हैं

एक लेसर द्वारा $6.0 \times 10^{14}\, Hz$ आवृत्ति का एकवर्णी प्रकाश पैदा किया जाता है। उत्सर्जित शक्ति $2 \times 10^{-3} \,W$ है। स्त्रोत से प्रति सेकेण्ड उत्सर्जित फोटानों की औसत संख्या होगी-

  • [AIPMT 2007]

यदि फोटॉन की ऊर्जा $4$ गुना बढ़ा दी जाये तो संवेग

फोटॉन का विराम द्रव्यमान होता है