वै त क्षेत्र $E$, $X - $ दिशा में है। यदि $0.2\,C$ के आवेश को $X$-अक्ष के साथ $60^\circ $ का कोण बनाने वाली रेखा पर $2$ मीटर दूर तक चलाया जाये, तो कार्य का मान $4$ जूल है। $E$ का मान ......$N/C$ है

  • [AIPMT 1995]
  • A

    $\sqrt 3$

  • B

    $4$

  • C

    $5$

  • D

    $20$

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निम्न चित्र में एक इलेक्ट्रॉन को $A$ से $B$ के अनुदिश चलाने में विद्युत क्षेत्र के द्वारा किया गया कार्य $6.4 \times {10^{ - 19}}J$ है। यदि ${\phi _1}\;$ एवं ${\phi _2}$ समविभवी सतह हैं, तब विभवान्तर $({V_C} - {V_A})$ ......$V$ होगा

दो एकसमान धनावेश प्रत्येक $  1\,\mu C$ वायु में एक दूसरे से $1\, m$ की दूरी पर स्थित है। इस निकाय की स्थितिज ऊर्जा होगी

$10$ सेमी भुजा वाले एक समबाहु त्रिभुज के शीर्षों पर तीन कण रखे हैं। प्रत्येक कण पर $10$ माइक्रोकूलॉम आवेश है। इस निकाय की स्थिर-वैद्युत स्थितिज ऊर्जा......जूल होगी

 (दिया है $\frac{1}{{4\pi {\varepsilon _0}}} = 9 \times {10^9}$ न्यूटन-मीटर$^{2}$/कूलॉम$^{2}$)

$‘a’$ लम्बाई वाली भुजा के एक वर्ग के केन्द्र पर आवेश $Q$ रखा है एवं इसके एक कोने पर आवेश $q$ स्थित है। आवेश $q$ को विपरीत सिरे (विकर्ण के दूसरे सिरे) तक चलानें में कार्य होगा

एक $\alpha$-कण एवं एक प्रोट्रोन, समान विभवान्तर के द्वारा विश्रामावस्था से त्वरित किए जाते हैं। इन दोनों कणों के द्वारा प्राप्त किए गए रेखीय संवेगों का अनुपात है:

  • [JEE MAIN 2022]