तीन आवेश ‘$a$’ भुजा वाले समबाहु त्रिभुज के शीर्षों पर रखे हैं। शीर्ष $A$ पर रखे आवेश द्वारा अनुभव किया गया बल $BC$ के लम्बवत् दिशा में होगा
${Q^2}/(4\pi {\varepsilon _0}{a^2})$
$ - {Q^2}/(4\pi {\varepsilon _0}{a^2})$
शून्य
${Q^2}/(2\pi {\varepsilon _0}{a^2})$
किसी दूरी पर स्थित एक इलेक्ट्रॉन एवं एक प्रोटॉन के बीच लगने वाले कूलॉम के स्थैतिक वैद्युत बल एवे गुरुत्वीय बल का अनुपात $2.4 \times 10^{39}$ है। अनुक्रमानुपाती स्थिरोंक $K =\frac{1}{4 \pi \varepsilon_0}$. का गुरुत्यीय स्थिरांक $G$ से अनुपात का मान लगभग होगा : (दिया है, प्रोयॉन एवे इलेक्ट्रॉन प्रत्येक पर आवेश $=1.6 \times 10^{-19}\,C$, इलेक्ट्रॉन का व्रव्यमान $=9.11 \times 10^{-31}\,kg$, प्रोटॉन का द्रव्यमान $=1.67 \times 10^{-27}\,kg$ )
समान परिमाण तथा विपरीत प्रकृति के दो आवेश किसी निश्चित दूरी पर रखे हैं। इनके कारण उदासीन बिन्दु
चार आवेश जिनमें प्रत्येक का परिमाण $-Q$ है किसी वर्ग के चार शीर्षों पर रखे हैं तथा इसके केन्द्र पर कोई आवेश $q$ स्थित है। यदि समस्त निकाय साम्यावस्था में है तो $q$ का मान है
निर्वात में '$r$' सेमी की दूरी पर स्थित दो बिन्दु आवेशों $\mathrm{q}_1$ व $\mathrm{q}_2$ के बीच लगने वाला बल $\mathrm{F}$ है। $K=5$ परावैद्युतांक वाले माध्यम में ' $r / 5$ ' सेमी. दूरी पर स्थित उन्हीं आवेशों की बीच लगने वाला बल होगा :
विद्युत-चुम्बकीय, वाण्डरवॉल, स्थिरवैद्युत और नाभिकीय बल, इनमें कौन-से दो बलों के कारण न्यूट्रॉनों के मध्य आकर्षण का बल रहता है