$5 \times {10^{ - 11}}\,C$ एवं $ - 2.7 \times {10^{ - 11}}\,C$ के दो आवेश एक दूसरे से $0.2$ मीटर की दूरी पर स्थित हैं। इन दोनों को जोड़ने वाली रेखा पर एक तीसरा आवेश $ - 2.7 \times {10^{ - 11}}\,C$ से कितनी ......मीटर दूरी पर रखा जाये कि उस पर कार्यरत कुल बल शून्य हो
$0.44$
$0.65$
$0.556$
$0.350$
लम्बाई $l$ की दो द्रव्यमानहीन डोरियो द्वारा एक उभयनिष्ठ बिन्दु से दो एकसमान आवेशित गोले लटकाये गये है, जों कि प्रारम्भ में दूरी $d(d$ $ < < l)$ पर अपनें अन्योन्य विकषर्ण के कारण है। दोंनों गोलों से आवेश एक स्थिर दर से लीक होना प्रारम्भ करता है। इसके परिणाम स्वरूप आवेश एक दूसरे की ओर $v$ वेग से गति करना प्रारम्भ करते है। तब दोनों के बीच दूरी $x$ के फलन के रूप में
एक $10 \mu \mathrm{C}$ आवेश दो भागों में विभाजित किया जाता है तथा $1 \mathrm{~cm}$ की दूरी पर रख दिया जाता है ताकि इसके बीच प्रतिकर्षण बल अधिकतम हो। दोनों भागों के आवेश है:
$3 ×10 ^{-6}\, C$ एवं $8 ×10 ^{-6} \, C$ के दो बिन्दु आवेश एक दूसरे को $ 6 ×10^{-6}\, N$ के बल से प्रतिकर्षित करते हैं। यदि प्रत्येक को $-6 ×10 ^{-6}\, C$ का अतिरिक्त आवेश दे दिया जाये तो इनके मध्य बल होगा
दो आवेशित गोलों पर आवेश क्रमश: $+7\,\mu C$ एवं $-5\,\mu C$ हैं, एवं इनके मध्य कार्यरत बल $F$ है। यदि प्रत्येक को $-2\,\mu C$ का अतिरिक्त आवेश दे दिया जाये तो इनके मध्य नया आकर्षण बल होगा
${F_g}$ और ${F_e}$ क्रमश: गुरुत्वीय और स्थिर वैद्युत बल $10$ सेमी की दूरी पर स्थित इलेक्ट्रॉन के मध्य दर्शाते हैं, तो ${F_g}/{F_e}$ अनुपात की कोटि होगी