तीन पिण्ड, $A$ : (एक ठोस गोला ) , $B$ : (एक पतली वृत्ताकार चकती) तथा $C$ : (एक वृत्ताकार छल्डा), जिनमें प्रत्येक का द्रव्यमान $M$ तथा त्रिज्या $R$ है, समान कोणीय चाल $\omega$ से अपनी सममिति अक्षों के परित: चक्रण कर रहे हैं । इन्हें विरामावस्था में लाने के लिए किए जाने वाले आवश्यक कार्यों $( W )$ के लिए कौन-सा संबंध सही है ?
$W_C>W_B>W_A$
$W_A>W_B>W_C$
$W_A>W_C>W_B$
$W_B>W_A>W_C$
किसी पतली एकसमान छड़ की लम्बाई $2 \mathrm{~cm}$, अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल ' $\mathrm{A}$ ' एवं घनत्व ' $\mathrm{d}$ ' है। इसे $\omega$ कोणीय वेग से एक अक्ष के परितः घुमाया जाता है, जो कि इसके केन्द्र से गुजर रही है एवं इसकी लम्बाई के लम्बवत है। इसकी घूर्णन ऊर्जा $\mathrm{E}$ के पदो में, $\omega$ का मान $\sqrt{\frac{\alpha \mathrm{E}}{\mathrm{Ad}}}$ है तो $\alpha$ का मान ___________ होगा।
$ 10 $ किग्रा द्रव्यमान एवं $ 0.5 $ मीटर त्रिज्या की एक वस्तु बिना फिसले $ 2 $ मी/सै के वेग से लुढ़क रही है। इसकी कुल गतिज ऊर्जा $ 32.8 $ जूल है। वस्तु की घूर्णन त्रिज्या.......... $m$ है
एक समानरूपी लकड़ी के पतले तखते $A B$ की लम्बाई $L$ एवं द्रव्यमान $M$ है को एक मेज्र पर इस प्रकार रखा गया है कि इसका $B$ किनारा मेज के किनारे से थोडा बाहर निकला हुआ है।इस तख्ते के $B$ किनारे पर $J$ आवेग लगाया जाता है | इस आवेग के परिणाम स्वरुप तख्ता ऊपर उठता है और इसका द्रव्यमान केंद्र मेज्ञ के सतह से $h$ ऊंचाई तक चला जाता है | तब,
$2 \mathrm{~kg}$ किग्रा द्रव्यमान का एक ठोस गोला $2240$ जूल गतिज ऊर्जा के साथ एक क्षैतिज तल पर शुद्ध रूप से लुढक रहा है। गोले के द्रव्यमान केन्द्र का वेग______ मी/से. होगा।
$2 \,kg$ द्रव्यमान तथा $0.2 \,m$ व्यास का एक खोखला गोला एक नत समतल पर $ 0.5\,\,m/s $ के वेग से लुढ़क रहा है। गोले की गतिज ऊर्जा .......... $J$ होगी