दो आवेश एक दूसरे से $‘d’$ दूरी पर है। यदि दोनों के मध्य $\frac{d}{2}$ मोटाई की तांबे की प्लेट रख दें तो प्रभावी बल होगा
$2F$
$F / 2$
$0$
$\sqrt 2 F$
हाइड्रोजन परमाणु में, $r$ त्रिज्या की कक्षा में एक इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारो ओर चक्कर लगाता है इनके मध्य कूलॉम बल $\vec F$ है:
(जहाँ $K = \frac{1}{{4\pi {\varepsilon _0}}}$)
विद्युतशीलता की इकाई है
धातु के गोले $A$ व $B$ जिनमें $A$ की त्रिज्या $B$ की तुलना में अधिक है, एक पतले तार से जुड़े हैं। इस समायोजन को कुछ आवेश दिया जाता है, अधिक आवेश होगा
${F_g}$ और ${F_e}$ क्रमश: गुरुत्वीय और स्थिर वैद्युत बल $10$ सेमी की दूरी पर स्थित इलेक्ट्रॉन के मध्य दर्शाते हैं, तो ${F_g}/{F_e}$ अनुपात की कोटि होगी
दो लघु गोले, जिनमें प्रत्येक का द्रव्यमान $10\, mg$ है, $0.5\, m$ लम्बे धागों द्वारा किसी बिन्दु से निलंबित हैं। समान आवेश द्वारा आवेशित करने पर ये एक दुसरे को $0.20\, m$ दूरी तक प्रतिकर्षित करते हैं। प्रत्येक गोले पर आवेश $\frac{ a }{21} \times 10^{-8} \,C$ है। $a$ का मान $......$ होगा। [दिया है : $g =10\, ms ^{-2}$ ]