वायु में रखे दो आवेश एक दूसरे को ${10^{ - 4}}\,N$ से प्रतिकर्षित करते हैं। दोनों आवेशों के मध्य तेल भर दिया जाये तो बल $2.5 \times {10^{ - 5}}\,N$ हो जाता है तो तेल का परावैद्युतांक होगा
$2.5$
$0.25$
$2$
$4$
समान परिमाण तथा विपरीत प्रकृति के दो आवेश किसी निश्चित दूरी पर रखे हैं। इनके कारण उदासीन बिन्दु
निर्वात् की विद्युतशीलता का मान होता है
एक दूसरे से $5 \times {10^{ - 11}}\,m$ की दूरी पर स्थित इलेक्ट्रॉन एवं प्रोटॉन के मध्य स्थिर वैद्युत बल और गुरूत्वाकर्षण बल का अनुपात होगा (इलेक्ट्रॉन पर आवेश = $1.6 × 10 {^{-{19}}}\, C$, इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान $9.1 × 10 {^{-{31}}}$ $kg$, प्रोटॉन का द्रव्यमान = $1.6 \times {10^{ - 27}}\,kg,$ $\,G = 6.7 \times {10^{ - 11}}\,N{m^2}/k{g^2}$)
एक वर्ग के विपरीत कोनों में प्रत्येक पर एक आवेश $Q$ रखा है। दूसरे दो विपरीत कोनों पर आवेश $q$ रखा है। यदि $Q$ पर परिणामी विद्युत बल शून्य है, तब $\frac{Q}{q}$ का मान है।
एक $10 \mu \mathrm{C}$ आवेश दो भागों में विभाजित किया जाता है तथा $1 \mathrm{~cm}$ की दूरी पर रख दिया जाता है ताकि इसके बीच प्रतिकर्षण बल अधिकतम हो। दोनों भागों के आवेश है: