कल्पना कीजिये कि एक प्रोटॉन और एक इलेक्ट्रान के आवेश में अल्प अन्तर होता है। इनमें से एक $- e$ है और दूसरा $( e +\Delta e )$ है। यदि एक दूसरे से $^{\prime} d ^{\prime}$ दूरी पर रखे हाइड्रोजन के दो परमाणुओं के बीच ( जहाँ $d$ परमाणु के साइज से बहुत अधिक है ) स्थिर वैधुत बल और गुरूत्वीय बल का परिणामी ( नेट) शून्य है तो, $\Delta e$ की कोटि होगी :
(दिया है, हाइड्रोजन का द्रव्यमान $m _{ h }=1.67 \times 10^{-27}$ $kg)$
$10^{-23}\,\, C$
$10^{-37 }\,\,C$
$10^{-47} \,\,C$
$10^{-20}\,\, C$
आवेशित गोलीय संधारित्र के दो गोलों के मध्य विद्युत क्षेत्र का परिणाम
दो एकसमान आवेशित गोलों को बराबर लम्बाई की डोरियों से लटकाया गया है। डोरियाँ एक-दूसरे से $30^{\circ}$ का कोण बनाती है। जब $0.8\, gcm ^{-3}$, घनत्व के द्रव में लटकाया जाता हैं, तो कोण वही रहता है। यदि गोले के पदार्थ का घनत्व $1.6\, gcm ^{-3}$ है, तब द्रव का परावैघुतांक है
वायु में रखे दो आवेश एक दूसरे को ${10^{ - 4}}\,N$ से प्रतिकर्षित करते हैं। दोनों आवेशों के मध्य तेल भर दिया जाये तो बल $2.5 \times {10^{ - 5}}\,N$ हो जाता है तो तेल का परावैद्युतांक होगा
दो ताँबे की गेंदें, प्रत्येक का भार $10\, gm$ है। एक दूसरे से वायु में $10\,cm$ दूर रखी हैं। यदि प्रत्येक ${10^6}$ परमाणुओं से एक इलेक्ट्रॉन एक गेंद से दूसरी गेंद की ओर स्थानान्तरित होता है। इनके मध्य कूलॉम बल है। (ताँबे का परमाणु भार $63.5$ है)
एक बिन्दु आवेश $q_1=4 q_0$ मूल बिन्दु पर स्थित है।एक अन्य बिन्दु आवेश $\mathrm{q}_2=-\mathrm{q}_0, \mathrm{x}=12 \mathrm{~cm}$ पर रखा गया है। आवेश $\mathrm{q}_0$ वाले एक प्रोटोन को $\mathrm{x}$-अक्ष पर इस प्रकार रखा गया है कि प्रोटोन पर स्थिर वैद्युत बल का मान शून्य है। इस स्थिति में मूल बिन्दु से प्रोटोन की स्थिति _________$\quad \mathrm{cm}$ है।