धारिता $C$ और $C / 2$ के दो संधारित्रों को चित्र के अनुसार $V-$वोल्ट की बैट्री से जोड़ा गया है।
दोनों संधारित्रों को पूर्ण आवेशित करने में किया गया कार्य होगा-
$\frac{1}{4}\,C{V^2}$
$\;\frac{3}{4}\,C{V^2}$
$\;\frac{1}{2}\,C{V^2}$
$\;3\,C{V^2}$
$100$ $\mu F$ धारिता के संधारित्र को $8 \times {10^{ - 18}}$ कूलॉम आवेश देने पर किया गया कार्य होगा
$16 \Omega$के तार को जोड़कर एक वर्णकार लुग बनाया गया है। $1 \Omega$ आन्तरिक प्रतिरोध की एक $9 \mathrm{~V}$ की बैटरी से इसकी एक भुजा से जोड़ा जाता है। यदि $4 \mu \mathrm{F}$ का एक संधारित्र इसके विकर्ण से जोड़ा गया हो तो संधारित्र में संचित $\frac{x}{2} \mu \mathrm{J}$ ऊर्जा होगी। जहाँ $\mathrm{x}=$. . . . . . . .
एक $4\,\mu F$ के संधारित्र को $50\, V$ पर आवेशित करके एक दूसरे $2\,\mu F$ के संधारित्र को $100\,V$ पर आवेशित करके, इस प्रकार जोड़ा जाता है कि समान आवेश की पट्टिकायें एक साथ जुड़े। जोड़ने से पहले और जोड़ने के बाद पूर्ण ऊर्जा $({10^{ - 2}}\,J)$ के गुणांक में होगी
एक संधारित्र की क्षमता $4 \times {10^{ - 6}}$ फैराड है और इसका विभव $100$ वोल्ट है। इसे पूर्ण अनावेशित करने पर व्यय ऊर्जा ........जूल होगी
एक संधारित्र में संचित ऊर्जा का मान :