एक $2\,\mu F$ माइक्रो फैरड का संधारित्र $100$ वोल्ट तक आवेशित किया जाता है, फिर उसकी पट्टियों को एक चालक तार से आपस में जोड़ दिया जाता है। उत्पन्न हुई ऊष्मा .......जूल होगी
$1$
$0.1$
$0.01$
$0.001$
$60 pF$ धारिता के एक संधारित्र को $20 V$ के स्त्रोत से पूरा आवेशित किया जाता है। तत्तपश्चात् इसे स्त्रोत से हटाकर $60 pF$ के एक दूसरे अनावेशित संधारित्र से पार्श्व संबंधन (parallel connection) में जोड़ा जाता है। जब आवेश पूरी तरह से दोनों संधारित्रों में वितरित हो जाये तो इस प्रक्रिया में स्थिर वैधुत ऊर्जा की क्षति $nJ$ में होती है।
${C_1}$ धारिता वाले एक संधारित्र को ${V_0}$ वोल्ट पर आवेशित किया गया है। इसमें संग्रहित स्थिर विद्युत ऊर्जा का मान ${U_0}$ है। इसे धारिता ${C_2}$ वाले दूसरे अनावेशित संधारित्र के साथ समान्तर क्रम में जोड़ दिया गया है। इस प्रक्रम में ऊर्जा क्षय होगा
बादल के एक टुकड़े का क्षेत्रफल $25 \times {10^6}\,{m^2}$ तथा विभव ${10^5}$ वोल्ट है। यदि बादल की ऊंचाई $0.75\,$ किमी है तो पृथ्वी व बादल के बीच विद्युत क्षेत्र के ऊर्जा का मान.......$J$ होगा
$10$ $\mu F$ धारिता के एक संधारित्र को $500$ $V$ तक आवेशित कर इसकी प्लेटों को $10$ $W$ प्रतिरोध से जोड़ा गया। प्रतिरोध में उत्पन ऊष्मा ........$J$ होगी
आरेख में दर्शाए अनुसार $2\, \mu F$ धारिता के किसी संघारित्र का आवेशन किया गया है । जब स्विच $S$ को सिथिति $2$ पर घुमाया जाता है, तो इसमें संचित ऊर्जा का प्रतिशत क्षय होगा :