एक ही पदार्थ के दो तारों की लम्बाइयों का अनुपात 1 : 2 है तथा उनकी त्रिज्याओं का अनुपात $1:\sqrt 2 $ है। यदि उन्हें समान बल लगाकर खींचा जाये तो उनकी लम्बाइयों में वृद्धि का अनुपात होगा
$2:\sqrt 2 $
$\sqrt 2 :2$
1:1
1:2
ऐलुमिनियम के किसी घन के किनारे $10 \,cm$ लंबे हैं। इसकी एक फलक किसी ऊर्ध्वाधर दीवार से कसकर जड़ी हुई है। इस घन के सम्मुख फलक से $100\, kg$ का एक द्रव्यमान जोड़ दिया गया है। एलुमिनियम का अपरूपण गुणांक $25\, GPa$ है। इस फलक का ऊर्ध्वाधर विस्थापन कितना होगा ?
एक धातु के तार के एक सिरे को छत से बाँधा गया है तथा असके दूसरे सिरे पर $2$ किग्रा. का एक भार लटका है। समान प्रकार के एक तार को भार की तली से बाँधा गया है तथा इसके नीचे $1$ किग्रा. का भार बाँधा है। ऊपरी तथा निचले तार की अनुदैर्ध्य विकृतियों का अनुपात होगा।
[तार का अनुप्रस्थ परिच्छेद क्षेत्रफल $=0.005$ सेमी. $^2$, $\mathrm{Y}=2 \times 10^{11} \mathrm{Nm}^{-2}$ तथा $\mathrm{g}=10 \mathrm{~ms}^{-2}$ ]
$4\,mm ^2$ अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल और $0.5$ लम्बाई वाली कोई रस्सी, एक $2\,kg$ द्रव्यमान के ठोस पिण्ड से जुड़ी हुई है। पिण्ड को किसी त्रिज्या $0.5\,m$ त्रिज्या वाले उर्ध्वाधर वृत्ताकार पथ पर घुमाया जाता है। वृत्ताकार पथ के निम्नतम बिन्दु पर, पिण्ड की चाल $5\,m / s$ है। जब पिण्ड वृत्ताकार पथ के निम्नतम बिन्दु पर है तो उस समय रस्सी में उत्पन्न विकृति का मान $\ldots . . \times 10^{-5}$ होगा। (माना यंग गुणांक $10^{11}\,N / m ^2$ एवं $g =10\,m / s ^2$ )
एक $2 \ L$ लम्बाई व $2 \ R$ त्रिज्या के मोटे क्षैतिज तार के एक सिरे को $L$ लम्बाई व $R$ त्रिज्या वाले एक पतले क्षैतिज तार से वेल्डिंग के द्वारा जोड़ा गया है। इस व्यवस्था के दोंनो सिरों पर बल लगाकर ताना जाता है। पतले व मोटे तारों में तरंगदैर्ध्य वृद्धि का अनुपात निम्न है :
यंग के एक प्रयोग में यदि तार की लम्बाई तथा त्रिज्या दोनों दो गुनी कर दी जायें तो $Y$ का मान हो जायेगा