$3.2\,m$ लम्बे स्टील के तार $\left( Y _{ S }=2.0 \times 10^{11}\right.$ $Nm ^{-2}$ ) एवं $4.4\,M$ लम्बे ताँबे के तार $\left( Y _{ C }=1.1 \times 10^{11} Nm ^{-2}\right)$ की त्रिज्याऐं समान $1.4\,mm$ की हैं, इन दोनों तारों के सिरे एक-दूसरे से जुड़े हैं। जब यह किसी लोड के द्वारा खीचें जाते हैं, तो परिणामी प्रसार का मान $1.4\,mm$ है। आरोपित भार (लोड) का मान न्यूटन में होगा : (दिया है : $\pi=\frac{22}{7}$ )
$360$
$180$
$1080$
$154$
दो तार समान पदार्थ के बने हैं और दोनों के आयतन भी समान हैं । पहले तार की अनुप्रस्थ-काट का क्षेत्रफल $A$ और दूसरे तार की अनुप्रस्थ-काट का क्षेत्रफल $3 A$ है । यदि बल $F$ लगाकर पहले तार की लम्बाई में $\Delta l$ की वृद्धि की जाती है, तो दूसरे तार की लम्बाई में भी इतनी ही वृद्धि करने के लिए कितने बल की आवश्यकता होगी ?
स्टील के एक तार की अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल $0.1$ सेमी${^2}$ है। इसकी लम्बाई दो गुनी करने के लिए आवश्यक बल होगा $({Y_{LVhy}} = 2.0 \times {10^{11}}N/{m^2})$
$15\, kg$ द्रव्यमान की एक दृढ़ पट्टी को तीन तारों, जिनमें प्रत्येक की लंबाई $2 \,m$ है, से सममित लटकाया गया है। सिरों के दोनों तार ताँबे के हैं तथा बीच वाला लोहे का है। तारों के व्यासों के अनुपात निकालिए, प्रत्येक पर तनाव उतना ही रहना चाहिए।
$0.5$ सेमी$^2$ अनुप्रस्थ काट के लोहे के तार की लम्बाई को दोगुनी करने के लिये आवश्यक बल का मान होगा ($Y = {10^{12}}$डाइन/सेमी${^2}$)
एक एल्युमीनियम की छड़ (यंग प्रत्यास्थता गुणांक $7.0×10$${^9}$ न्यूटन/मी$^2$) $0.2\%$ विकृति से टूट जाती है। $10$ ${^4}$ न्यूटन के भार को लटकाने से न टूटने के लिये छड़ की अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल कम से कम होना चाहिए