प्रायोगिक सोनोमीटर के समान एक डोरी वाली वाधयंत्र की डोरी को बीच में खींचकर छोड़ा जाता है। यदि किसी सितार की डोरी को सिरे से एक चौथाई लम्बाई पर दबाकर छोड़ा जाये तो उत्पन्न संभावित संनादी होगा
अष्टम
चतुर्थ
तृतीय
द्वितीय
एक सोनोमीटर तार के कम्पनों की मूल आवृत्ति $n$ है यदि इसकी त्रिज्या दोगुनी कर दें और तनाव आधा कर दें तथा पदार्थ समान रहे तो मूल आवृत्ति होगी
किसी सोनोमीटर तार के कम्पनों की मूल आवृत्ति $n$ है यदि डोरी का तनाव और व्यास दो गुने कर दिये जायें एवं डोरी का घनत्व आधा कर दिया जाये तो मूल आवृत्ति हो जायेगी
एक डोरी में अनुप्रस्थ तरंगें उत्पन्न हो रही हैं, जिनका समीकरण $y = 0.021\;\sin (x + 30t)$ है, जहाँ $x$ व $y$ मीटर. में तथा $t$ सेकण्ड में है। यदि डोरी का रेखीय घनत्व $1.3 \times {10^{ - 4}}\,kg/m$ हो तो डोरी में तनाव (न्यूटन में) होगा
किसी सोनोमीटर के तार की आवृत्ति $n$ है। यदि तार का तनाव चार गुना एवं इसकी लम्बाई को दो गुना कर दिया जाए तो नई आवृत्ति होगी
दो सर्वसम सोनोमीटर के तारों की मूल आवृत्ति $500\, Hz$ है व इनमें तनाव समान है। इनमें से किसी एक तार के तनाव में कितने प्रतिशत वृद्धि की जाये कि दोनों को साथ-साथ बजाने पर इनसे $5$ विस्पंद/सैकण्ड उत्पन्न ... $\%$ हों