सरल लोलक का मध्यमान स्थिति में वेग ................ $m/s$ होगा, यदि यह $10\,cm$ ऊध्र्वाधर ऊँचाई तक उठता है ($g = 9.8\,m/{s^2})$
$0.6$
$1.4$
$1.8 $
$2.2$
“एक सरल लोलक सरल आवर्त गति कर रहा है” इसको प्रदर्शित करने के लिए यह मानना आवश्यक है। कि
एक सरल लोलक को किसी कार की छत से लटकाया गया है यदि कार एकसमान दर से त्वरित हो रही हो तो सरल लोलक की आवृत्ति
यदि $2 \;m$ लम्बे सरल लोलक का आवर्तकाल $2 \;s$ है तो उस स्थान पर, जहाँ यह सरल लोलक सरल आवर्त गति कर रहा है, गुरूत्वीय त्वरण का मान होगा।
नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
$(a)$ किसी कण की सरल आवर्त गति के आवर्तकाल का मान उस कण के द्रव्यमान तथा बल-स्थिरांक पर निर्भर करता है : $T=2 \pi \sqrt{\frac{m}{k}}$ । कोई सरल लोलक सन्निकट सरल आवर्त गति करता है । तब फिर किसी लोलक का आवर्तकाल लोलक के द्रव्यमान पर निर्भर क्यों नहीं करता ?
$(b)$ किसी सरल लोलक की गति छोटे कोण के सभी दोलनों के लिए सन्निक सरल आवर्त गति होती है । बड़े कोणों के दोलनों के लिए एक अधिक गूढ़ विश्लेषण यह दर्शाता है कि $T$ का मान $2 \pi \sqrt{\frac{l}{g}}$ से अधिक होता है । इस परिणाम को समझने के लिए किसी गुणात्मक कारण का चिंतन कीजिए |
$(c)$ कोई व्यक्ति कलाई घड़ी बाँधे किसी मीनार की चोटी से गिरता है । क्या मुक्त रूप से गिरते समय उसकी घड़ी यथार्थ समय बताती है ?
$(d)$ गुरुत्व बल के अंतर्गत मुक्त रूप से गिरते किसी केबिन में लगे सरल लोलक के दोलन की आवृत्ति क्या होती है ?
यदि सरल लोलक की लम्बाई $300\% $ बढ़ा दी जाए तो आवर्तकाल ..... $\%$ बढ़ जायेगा