तिलचट्टे के संबंध में कौन सी विशिष्टताएँ अनुचित हैं ?
मध्यांत्र एवं पश्चांत्र के संधि स्थल पर जठरीय अंधनाल का एक वलय होता है।
अधोग्रसनी मुख भागों द्वारा बनाई गयी प्रगुहा में होती है।
मादा में $7-9$ तक अधरक मिलकर जननिक कोष्ठ बनाते हैं।
दोनों लिंगों में दसवें खंड में गुदीय लूम पाये जाते हैं।
तिलचट्टे की आहारनाल का नामांकित चित्र बताइए।
यदि तिलचट्टे का सिर हटा दिया जाए तो यह कुछ दिनों तक जीवित रह सकता है क्योंकि
तिलचट्टे में टेगामिना कहाँ से निकलता है?
एक शब्द या एक पंक्ति में उत्तर दीजिए
तिलचट्टे में अंडाशय की स्थिति क्या है?
तिलचट्टे के दोनों लिंगो में एक जोड़ी संधियुक्त तंतुमय संरचनाएँ जिन्हे गुदीय लूम कहते हैं, उपस्थित होती हैं: