$-10°C$ पर स्थित $1\, gm$ बर्फ को $100°C$ की भाप में परिवर्तित करने के लिए आवश्यक ऊर्जा ........ $J$ होगी
$3045 $
$6056 $
$721 $
$616$
ठन्डे मौसम के कारण $1 \,cm ^{2}$ अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल वाली $1\, m$ पानी की नली $-10^{\circ} C$ पर बर्फ से भरी है। प्रतिरोधात्मक ऊष्मा बर्फ को पिघलाने में प्रयुक्त होती है, $4 \,k \,\Omega$ प्रतिरोध में $0.5 \,A$ की धारा प्रवाहित की जाती है यह मानते हुए कि पूर्ण उत्पन्न ऊष्मा बर्फ को पिघलाने में प्रयुक्त होती है बर्फ पिघलाने में लगा न्यूनतम समय है। (${s}$ में)
(दिया है : पानी के संलयन की गुप्त उष्मा $=3.33 \times 10^{5} \,J\, kg ^{-1}$ बर्फ की विशिष्ट उष्मा $=2 \times 10^{3}\, J \,kg ^{-1}$ तथा बर्फ का घनत्व $=10^{3} \,kg / m ^{3}$ )
$0.047\, kg$ द्रव्यमान के किसी ऐलुमिनिय के गोले को काफी समय के लिए उबलते जल से भरे बर्तन में रखा गया है ताकि गोले का ताप $100^{\circ}\, C$ हो जाए। इसके पश्चात् गोले को तुरन्त $0.14\, kg$ द्रव्यमान के ताँबे के ऊष्मामापी, जिसमें $20^{\circ}\,C$ का $0.25\, kg$ जल भरा है, में स्थानांतरित किया जाता है। जल के ताप में वृद्धी होती है तथा यह $23^{\circ}\, C$ पर स्थायी अवस्था ग्रहण कर लेता है। ऐलुमिनियम की विशिष्ट ऊष्मा धारिता परिकलित कीजिए।
$10.0 \,W$ का एक विद्युत ऊष्मक (heater) $0.5 \,kg$ पानी से भरे हुए बर्तन को गर्म करता है। पानी एवं बर्तन का तापमान $15$ मिनट में $3 \,K$ बढ़ जाता है । इस बर्तन को खाली कर के सुखा दिया जाता है एवं पुन: $2 \,kg$ तेल से भर दिया जाता है । अब वही विद्युत ऊष्मक तेल एवं बर्तन का तापमान $20$ मिनट में $2 \,K$ बढ़ा देता है । यह मानते हुए कि दोनों प्रक्रियाओं मे ऊर्जा का कोई क्षय नहीं होता है तो तेल कि विशिष्ट ऊष्मा ................ $\times 10^3\,JK^{-1} kg ^{-1}$ होगी ?
$10$ ग्राम बर्फ $0^{\circ} C$ पर एक बर्तन ( जल तुल्यांक $55$ ग्राम) में डाल दी गयी जिसका ताप $40^{\circ} C$ है। माना कि बाहर से कोई ऊष्मा अन्दर नहीं गयी तो बर्तन में पानी का तापमान.........$^०$ होगा $( L =80$ कैलोरी/ग्राम)
बर्फ की गुप्त ऊष्मा $80 \,cal/gm$ है। एक व्यक्ति एक मिनट में $60$ ग्राम बर्फ चबाकर पिघला देता है। उसकी शक्ति ...... $W$ है