धन आवेश को समविभव सतह पर चलाने में किया गया कार्य है

  • A

    परिमित, धनात्मक परन्तु शून्य नहीं

  • B

    परिमित, ऋणात्मक परन्तु शून्य नहीं

  • C

    शून्य

  • D

    अनन्त

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द्रव्यमान $m$ तथा आवेश $q$ का एक कण पर एक विधुत क्षेत्र $E ( x )= E _{0}\left(1- ax ^{2}\right)$, जो $x$-दिशा में है, लगाया जाता है। यहाँ पर $a$ तथा $E _{0}$ स्थिरांक है आरम्भ में कण $x =0$ पर विरामावस्था में है। प्रारम्भिक अवस्था के अतिरिक्त मूल बिन्दु से कण की किस दूरी पर कण की गतिज ऊर्जा शून्य होगी?

  • [JEE MAIN 2020]

चित्र में $Q$ आवेश वृत्त के केन्द्र पर है। किसी अन्य आवेश को बिन्दु $P$ से ले जाने में किया गया कार्य अधिकतम होगा जब उसे ले जाया जाये $P$ से

$m$ द्रव्यमान के एक बिन्दु आवेश $q$ को $\ell$ लम्बाई की एक डोरी द्वारा ऊर्ध्वाधर रूप से लटकाया जाता है। अब द्विध्रुव आघूर्ण $\overrightarrow{ p }$ के एक बिन्दु द्विध्रुव को अनन्त से $q$ की ओर इस प्रकार लाया जाता है कि आवेश दूर गति करता है। द्विध्रुव की दिशा, कोणों तथा दूरियों सहित निकाय की अन्तिम साम्य स्थिति नीचे चित्र में दर्शायी गई है। यदि द्विध्रुव को इस स्थिति तक लाने में किया गया कार्य $N \times( mgh )$ है, जहाँ $g$ गुरूत्वीय त्वरण है, जब $N$ का मान. . . . . . . है। (ध्यान दीजिये की बिन्दु द्रव्यमान को साम्यावस्था में बनाए रखते हुए तीन समतलीय बलों के लिए, $\frac{ F }{\sin \theta}$ सभी बलों के लिए समान है, जहाँ $F$ कोई एक बल है तथा $\theta$ अन्य दो बलों के मध्य कोण है।)

  • [IIT 2020]

चित्र में दो समान्तर समविभवी पृष्ठ $A$ और $B $ दिखाये गये हैं। उनके बीच की दूरी  $r$ है। एक $-q $ कूलॉम का आवेश पृष्ठ $A$ से  $B$ पर ले जाया जाता है। किया गया परिणामी कार्य होगा

एक आवेशित प्लेट का आवेश घनत्व $2 \times {10^{ - 6}}\,C/{m^2}$ है। एक इलेक्ट्रॉन की प्लेट से प्रारम्भिक दूरी क्या होगी जबकि इलेक्ट्रॉन $200\,eV$ ऊर्जा के साथ प्लेट की ओर गति कर रहा है तथा यह इलेक्ट्रॉन प्लेट से टकरा नहीं सकता