किसी आवेश $5\,\mu \,C$ को विद्युत क्षेत्र में $A$ बिन्दु से $B$ बिन्दु तक ले जाने में किये गये कार्य का मान $10\,mJ$ है, तब $({V_B} - {V_A})$ का मान होगा
$+ 2\,kV$
$-2\, kV$
$+ 200\, V$
$-200\, V$
त्रिज्या $R$ के एक ठोस गोले पर आवेश $Q + q$ सम्पूर्ण आयतन पर एकसमान रूप से वितरित है। द्रव्यमान $m$ का एक अत्यतं बिन्दु समान छोटा टुकड़ा इस गोले की तली से अलग होकर गुरूत्वीय क्षेत्र के अंतर्गत ऊर्ध्वाधर नीचे गिरता है। इस टुकड़े पर आवेश $q$ है। यदि ऊर्ध्वाधर ऊँचाई $y$ से गिरने पर इस टुकड़े की चाल $v$ हो जाती है (चित्र देखिये) तो : (मान लें शेष भाग गोलीय हैं)
एक कण $A$, $+ q$ आवेश व कण $B$, $+ 4q$ आवेश रखता है। प्रत्येक का द्रव्यमान $m$ है। जब समान विभवान्तर द्वारा विराम अवस्था से गिराया जाये, तो इनकी चालों का अनुपात $\frac{{{v_A}}}{{{v_B}}}$ हो जायेगा
कुल आवेश $q$ तथा त्रिज्या $3 a$ का एक एकसमान आवेशित वलय $xy$-समतल में मूलबिंदु पर केन्द्रित रखा है। एक बिन्दु आवेश $q$ इस वलय की तरफ $Z$-अक्ष पर चल रहा है। इसकी $z =4 a$ पर चाल $v$ है। मूलबिंदु को पार करने के लिए $v$ का न्यूनतम मान होगा ।
एक प्रोटॉन $50,000\, V$ से त्वरित किया गया है, इसकी ऊर्जा में वृद्धि है
एक इलेक्ट्रॉन को दूसरे इलेक्ट्रॉन की ओर लाने पर निकाय की वैद्युत स्थितिज ऊर्जा