निम्न चित्र में आयत के दो शीर्षों पर आवेश ${q_1} = - \,5\,\mu C$ तथा ${q_2} = + \,2.0\,\mu C$ रखे गये हैं। बिन्दु $B$ से $ + \,3.0\,\mu C$ आवेश को $A$ तक लाने में किया गया कार्य......$J$ होगा $(1/4\pi {\varepsilon _0} = {10^{10}}\,N - {m^2}/{C^2})$
$2.8$
$3.5$
$4.5$
$5.5$
विद्युत क्षेत्र $\overrightarrow E = {e_1}\hat i + {e_2}\hat j + {e_3}\hat k$ में आवेश $Q$ का विस्थापन $\hat r = a\hat i + b\hat j$ है। तो किया गया कार्य है
दो आवेश ${q_1}$ तथा ${q_2}$, $30\,\,cm$ दूरी पर चित्रानुसार स्थित हैं। एक तीसरे आवेश ${q_3}$ को $40\,cm$ त्रिज्या के वृत्त के चाप के अनुदिश $C$ से $D$ तक चलाया जाता है। निकाय की स्थितिज ऊर्जा में परिवर्तन $\frac{{{q_3}}}{{4\pi {\varepsilon _0}}}k$ है, यहाँ $k$ का मान है
किसी वृत्त के केन्द्र पर $10$ इकाई का आवेश रखा है। वृत्त की त्रिज्या $10\,m$ है। $1$ इकाई के आवेश को वृत्त की परिधि पर घुमाने में किया गया कार्य .......इकाई होगा
द्रव्यमान $m$ तथा आवेश $q$ का एक कण पर एक विधुत क्षेत्र $E ( x )= E _{0}\left(1- ax ^{2}\right)$, जो $x$-दिशा में है, लगाया जाता है। यहाँ पर $a$ तथा $E _{0}$ स्थिरांक है आरम्भ में कण $x =0$ पर विरामावस्था में है। प्रारम्भिक अवस्था के अतिरिक्त मूल बिन्दु से कण की किस दूरी पर कण की गतिज ऊर्जा शून्य होगी?
एक बिन्दु आवेश $q$ को $r$ त्रिज्या वाले एक वृत्त में $Q$ आवेश के चारों ओर घुमाने में किया गया कार्य होगा