किसी स्थान पर किसी सरल लोलक का आवर्तकाल $T _{0}$ है। यदि इस लोलक की लंबाई घटाकर इसकी मूल लंबाई की $\frac{1}{16}$ गुनी कर दी जाए, तो परिवर्तित आवर्तकाल होगा।

  • [JEE MAIN 2021]
  • A

    $8 \pi {T}_{0}$

  • B

    $4 {T}_{0}$

  • C

    ${T}_{0}$

  • D

    $\frac{1}{4} T_{0}$

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किसी सरल लोलक का गोलक पानी में आवर्तकाल $t$ के साथ सरल आवर्त गति करता है, जबकि इस गोलक के दोलन का वायु में आवर्तकाल ${t_0}$ है। पानी का घर्षण बल नगण्य मानते हुए, यदि गोलक का घनत्व $(4/3) ×1000 \,kg/m^3$ दिया गया है, तब निम्नलिखित में कौन सा संबंध सही है

  • [AIEEE 2004]

एक सैकण्ड लोलक रॉकेट में रखा हुआ है। इसके दोलनों का आवर्तकाल घटता जायेगा यदि रॉकेट

  • [AIPMT 1994]

एक सरल लोलक को लिफ्ट की छत से लटकाया गया है। जब लिफ्ट स्थिर है, तब लोलक का आवर्तकाल $T$ है। यदि परिणामी त्वरण $g/4,$ हो जाए, तब लोलक का नया आवर्तकाल होगा

एक सरल लोलक को ट्रोली में रखा जाता है जोकि $a$ त्वरण से एक क्षैतिज सतह पर दायीं ओर गतिमान है तो मध्य स्थिति में लोलक का धागा ऊध्र्वाधर से कोण बनाता है

यदि एक सरल लोलक दोलन करते हुये $10\,cm$ की ऊध्र्वाधर ऊँचाई प्राप्त करता है। तो माध्य स्थिति पर इसका वेग होगा ($g = 9.8\, m/s^{2}$) .... $m/s$