किसी स्थान पर किसी सरल लोलक का आवर्तकाल $T _{0}$ है। यदि इस लोलक की लंबाई घटाकर इसकी मूल लंबाई की $\frac{1}{16}$ गुनी कर दी जाए, तो परिवर्तित आवर्तकाल होगा।
$8 \pi {T}_{0}$
$4 {T}_{0}$
${T}_{0}$
$\frac{1}{4} T_{0}$
किसी सरल लोलक का गोलक पानी में आवर्तकाल $t$ के साथ सरल आवर्त गति करता है, जबकि इस गोलक के दोलन का वायु में आवर्तकाल ${t_0}$ है। पानी का घर्षण बल नगण्य मानते हुए, यदि गोलक का घनत्व $(4/3) ×1000 \,kg/m^3$ दिया गया है, तब निम्नलिखित में कौन सा संबंध सही है
एक सैकण्ड लोलक रॉकेट में रखा हुआ है। इसके दोलनों का आवर्तकाल घटता जायेगा यदि रॉकेट
एक सरल लोलक को लिफ्ट की छत से लटकाया गया है। जब लिफ्ट स्थिर है, तब लोलक का आवर्तकाल $T$ है। यदि परिणामी त्वरण $g/4,$ हो जाए, तब लोलक का नया आवर्तकाल होगा
एक सरल लोलक को ट्रोली में रखा जाता है जोकि $a$ त्वरण से एक क्षैतिज सतह पर दायीं ओर गतिमान है तो मध्य स्थिति में लोलक का धागा ऊध्र्वाधर से कोण बनाता है
यदि एक सरल लोलक दोलन करते हुये $10\,cm$ की ऊध्र्वाधर ऊँचाई प्राप्त करता है। तो माध्य स्थिति पर इसका वेग होगा ($g = 9.8\, m/s^{2}$) .... $m/s$