प्रदर्शित चित्र में $\mathrm{C}_1$ तथा $\mathrm{C}_2$ दो खोखले संकेन्द्रीय घन है जिनके अन्दर क्रमशः $2 Q$ व $3 Q$ आवेश स्थित है। $\mathrm{C}_1$ व $\mathrm{C}_2$ से गुजरने वाले वैद्युत फ्लक्स का अनुपात है :
$2:5$
$5:2$
$2:3$
$3:2$
चित्र में एक आवेशित पिण्ड से निकलने वाली वैद्युत बल रेखाएँ दिखाई गई हैं। यदि $A$ तथा $B$ पर वैद्युत क्षेत्र क्रमश: ${E_A}$ व ${E_B}$ हों तथा $A$ व $B$ के बीच की दूरी $r$ है तो
निम्न चित्र में गॉसियन सतह $A$ द्वारा घेरे गये आवेशों के कारण इससे निर्गत फ्लक्स होगा (दिया है $q_1$ = $-14 \,nC$, $q_2$ = $78.85 \,nC$, $q_3$ = $-56 \,nC$)
मान लीजिए कि एक बिंदु आवेश $q$ के द्वारा $r$ दूरी पर उत्पन्न विद्युतीय क्षेत्र $E$ व्युत-वर्गानुपाति (inverse square) न हो के बल्कि व्युत-घनानुपाति (inverse cubic) है | जैसे कि $\vec{E}=k \frac{q}{r^3} \hat{r}$ जहाँ $k$ एक नियतांक है | निम्नलिखित दो कथनों पर विचार करें ।
$(i)$ आवेश को परिबद्ध (enclosing) करने वाले एक गोलीय पृष्ठ से निकलने वाले विद्युत अभिवाह (flux), $\phi=q_{\text {enclosed }} / \epsilon_0$
$(ii)$ एकसमान रूप से आवेशित खोखले कोष के अन्दर स्थित आवेश पर एक बल लगेगा ।
सही विकल्प का चयन करें
धातु का बना एक ठोस गोला एक समांगी (Uniform) विद्युत क्षेत्र में रखा हुआ है। चित्र में दिखाई गई रेखाओं में से सही बल रेखा है
एक घन $\overrightarrow{ E }=150 y ^{2} \hat{ j }$ के विधुत क्षेत्र में रखा है। घन की भुजा $0.5\, m$ है तथा यह क्षेत्र में चित्रानुसार रखा है। घन के अन्दर आवेश $.....\times 10^{-11} {C}$ है।