एक रेडियोसक्रिय तत्व का $16$ ग्राम प्रतिदर्श (सेम्पल) बम्बई से दिल्ली $2 $ घण्टे में लाया जाता है और यह पाया गया कि तत्व का $1$ ग्राम ही शेष (अविघटित) बचा। तत्व की अर्द्ध-आयु है

  • A

    $2$ घण्टे

  • B

    $1$ घण्टे

  • C

    $\frac{1}{2}$ घण्टे

  • D

    $\frac{1}{4}$ घण्टे

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यदि $t_{1/2}$ पदार्थ की अर्द्ध आयु है तब $t_{3/4}$ वह समय है, जिसमें पदार्थ का

एक रेडियोसक्रिय प्रतिदर्श में दो भिन्न-भिन्न प्रकार के पदार्थ हैं। प्रारम्भ में दोनों पदार्थों के नाभिकों की संख्या समान है। एक पदार्थ का औसत आयुकाल $\tau$ एवं दूसरे पदार्थ का  $5\tau$ है। दोनों पदार्थों के विघटन उत्पाद स्थायी हैं। प्रतिदर्श में उपस्थित कुल रेडियोसक्रिय नाभिकों एवं समय के बीच सही ग्राफ है

  • [IIT 2001]

$\alpha$ कण के उत्सर्जन के साथ रेडॉन $({R_n})$ का पोलोनियम $({P_0})$ में क्षय होता है जिसकी अर्द्ध-आयु $4$ दिन है। एक प्रतिदर्श में ${R_n}$ के $6.4 \times {10^{10}}$ परमाणु हैं। $12$ दिन के बाद इस प्रतिदर्श में ${R_n}$ के बचे हुए परमाणुओं की संख्या होगी

किसी रेडियोधर्मी प्रतिदर्श की सक्रियता $1.6$ क्यूरी है। इसकी अर्द्धआयु $2.5$ दिन है। $10$ दिन बाद इसकी सक्रियता ...........क्यूरी होगी

किसी समय पर $5 \mu Ci$ एक्टिवता के एक रेडियोएक्टिव नमूने (sample) $S_{1}$ में नाभिकों की संख्या एक दूसरे नमूने $S _{2}$, जिसकी एक्टिवता $10 \mu Ci$ है, के नाभिकों से दुगुनी है। $S_{1}$ एवं $S_{2}$ की अर्द्ध-आयुओं का मान होगा

  • [JEE MAIN 2018]