चिकने फर्श पर नृत्य कर रही एक नर्तकी अपने हाथों को सिकोड़े हुए $ 20\,rad/sec $ के कोणीय वेग से ऊघ्र्वाधर अक्ष के परित: घूर्णन कर रही है। जब वह अपने हाथों को फैला देती है तो घूर्णन चाल घटकर $ 10\,rad/sec $ हो जाती है। यदि नर्तकी का प्रारम्भिक जड़त्व आघूर्ण $I$ हो तो नया जड़त्व आघूर्ण होगा
$2 I$
$3 I$
$I / 2$
$I / 3$
कक्षीय गति में, कोणीय संवेग सदिश होगा
$5$ किग्रा का एक पिण्ड $X-Y$ तल में रेखा $y=x+4$ के अनुदिश एक समान चाल $3 \sqrt{2} \mathrm{~ms}^{-1}$ से गति करता है। मूल बिन्दु के परितः कण का कोणीय संवेग. . . . . . किग्रा. मी. ${ }^2$ से $^{-i}$.
यदि पृथ्वी की त्रिज्या अचानक घट जाये तो
एक कण द्रव्यमान $m =5$ का $v =3 \sqrt{2}$ वेग से $XOY$ तल में $y = x +4$ रेखा पर चलता है। मूल बिन्दु के परित: कोणीय संवेग ........ इकाई होगा
चित्र में भुजा $'a'$ का वर्ग $x-y$ तल में हैं। $m$ द्रव्यमान का एक कण एकसमान गति, $v$ से इस वर्ग की भुजा पर चल रहा है जैसा कि चित्र में दर्शाया गया हैं।
निम्न में से कौन-सा कथन, इस कण के मूलबिंदु के गिर्द कोणीय आघूर्ण $\vec{L}$ के लिये, गलत है?