एक चकती कोणीय वेग $ \omega $ से घूर्णन कर रही है। एक बच्चा इस पर धीरे से बैठ जाता है, तो संरक्षित रहेगा

  • A

    गतिज ऊर्जा

  • B

    स्थितिज ऊर्जा

  • C

    रेखीय संवेग

  • D

    कोणीय संवेग

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ठोस गेंद नतसमतल पर बिना फिसले लुढ़क रही है। इसकी घूर्णी ऊर्जा तथा कुल ऊर्जा का अनुपात होगा

एक लम्बी एवं क्षैतिज छड़ पर एक मोती रखा है जो इसकी लम्बाई के अनुदिश फिसल सकता है, प्रारम्भ में यह मोती छड़ के एक सिरे $A$ से $L$ दूरी पर स्थित है। छड़ को एक समान कोणीय त्वरण $a$ से सिरे $A$ के परित: कोणीय गति प्रदान की जाती है। यदि छड़ एवं मोती के बीच घर्षण गुणांक $​m$ है एवं गुरुत्व नगण्य है, तब कितने समय पश्चात् मोती फिसलने लगेगा

  • [IIT 2000]

$M$ द्रव्यमान तथा $r$ त्रिज्या की एक पतली वृत्ताकार वलय नियत कोणीय वेग $ \omega $ से घूम रही है। वलय के व्यास के दोनों सिरों पर दो कण, प्रत्येक $m$ द्रव्यमान का, जोड़ दिये जाते हैं। वलय का कोणीय वेग अब होगा

$X-$ अक्ष से $\theta$ कोण पर द्रव्यमान $m$ के एक छोटे कण को एक प्रारंभिक वेग $v_{0}$ से $x-y$ तल में प्रक्षेपित किया जाता है जैसा कि चित्र में दर्शाया गया है। समय $t<\frac{v_{0} \sin \theta}{g}$, के लिए कण का कोणीय संवेग है जहाँ $\hat{ i }$, $\hat{ j }$ और $\hat{ k },$ क्रमशः $x, y$ और $z$ अक्ष पर इकाई सदिश है।

$ M $ द्रव्यमान एवं $ R $ त्रिज्या का एक ठोस गोला $ L $ लम्बाई तथा $ h $ ऊँचाई के नत सतमल पर बिना फिसले नीचे की ओर लुढ़क रहा है। तली पर पहुंचने पर इसके द्रव्यमान केन्द्र का वेग होगा