कणों के निकाय का कोणीय संवेग परिवर्तित होता है, यदि
निकाय पर बल कार्य करता है
निकाय पर बल आघूर्ण कार्य करता है
वेग की दिशा परिवर्तित होती है
उपरोक्त में से कोई नहीं
$X-$ अक्ष से $\theta$ कोण पर द्रव्यमान $m$ के एक छोटे कण को एक प्रारंभिक वेग $v_{0}$ से $x-y$ तल में प्रक्षेपित किया जाता है जैसा कि चित्र में दर्शाया गया है। समय $t<\frac{v_{0} \sin \theta}{g}$, के लिए कण का कोणीय संवेग है जहाँ $\hat{ i }$, $\hat{ j }$ और $\hat{ k },$ क्रमशः $x, y$ और $z$ अक्ष पर इकाई सदिश है।
$1\,kg$ के पिण्ड का स्थिति सदिश $\overrightarrow{ r }=(3 \hat{ i }-\hat{ j }) m$ है तथा इसका वेग $\overrightarrow{ v }=(3 \hat{ j }+ k ) ms ^{-1}$ है। इसके कोणीय संवेग का मान $\sqrt{ x } Nm$ है तब $x$ होगा
एक पतली एकसमान छड़ बिन्दु $O$ पर कीलकित है और क्षैतिज तल में एकसमान कोणीय चाल $\omega$ से घूम रही है (चित्र देखिये)। $t=0$ पर एक छोटा कीड़ा $O$ से चलना शुरू करके छड़ के अंतिम सिरे $t=T$ समय पर पहुँच कर रूक जाता है। कीड़ा छड़ के सापेक्ष एकसमान चाल $v$ से चलता है। निकाय की कोणीय चाल पूरे समय $\omega$ बनी रहती है। $O$ के परित: निकाय पर लगने वाले बल-आघूर्ण का मान (| $\vec{\tau} \mid)$ समय के साथ जिस प्रकार बदलता है उसका सर्वोत्तम वर्णन किस ग्राफ में है?
एक पंखे का जड़त्व आघूर्ण $0.6$ किग्रा मीटर$^2$ है तथा यह $0.5$ चक्र/सैकण्ड की चाल शीघ्र ही प्राप्त कर लेता है। इस पंखे का कोणीय संवेग होगा
कक्षीय गति में, कोणीय संवेग सदिश होगा