एक पंखे का जड़त्व आघूर्ण $0.6$ किग्रा मीटर$^2$ है तथा यह $0.5$ चक्र/सैकण्ड की चाल शीघ्र ही प्राप्त कर लेता है। इस पंखे का कोणीय संवेग होगा

  • A

    $0.6 \pi$ किग्रा मी$^2$/सैकण्ड

  • B

    $6$ किग्रा मी$^2$/सैकण्ड

  • C

    $3$ किग्रा मी$^2$/सैकण्ड

  • D

    $\pi/6$ किग्रा मी$^2$/सैकण्ड

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एक व्यक्ति घूर्णी टेबल पर $ \omega $ कोणीय चाल से घूर्णन करता है। वह अपने फैले हुये हाथों में दो समान द्रव्यमान रखे है। बगैर हाथों को घुमाये वह केवल द्रव्यमान को नीचे गिरा देता है। उसका कोणीय वेग किस प्रकार परिवर्तित होगा

$m$ तथा $4 m$ द्रव्यमान वाली दो पतली वृताकार चत्रिकाएँ (discs), जिनकी त्रिज्यायें क्रमशः $a$ तथा $2 a$ हैं, के केन्द्रों को $l=\sqrt{24} a$ लम्बाई की द्रव्यमान-रहित द्रढ़ (rigid) डंडी से जोड़ा गया है। इस समूह को एक मजबूत समतल सतह पर लिटाया गया है और फिसलाये बिना इस तरह से घुमाया गया है कि इसकी कोणीय गति डंडी के अक्ष के गिर्द $\omega$ है। पूरे समूह का बिन्दु ' $O$ ' के गिर्द कोणीय संवेग $\vec{L}$ है (चित्र देखियें)। निम्नलिखित में से कौनसा/कौनसे कथन सत्य है / हैं?

$(A)$ पूरे समूह का संहति-केंद्र $z$-अक्ष के गिर्द कोणीय वेग $\omega / 5$ से घूम रहा है

$(B)$ पूरे समूह के संहति-केंद्र का बिन्दु $O$ के गिर्द कोणीय संवेग का परिमाण $81 ma ^2 \omega$ है

$(C)$ पूरे समूह का उसके संहति-केंद्र के गिर्द कोणीय संवेग का परिमाण $17 ma ^2 \omega / 2$ है

$(D)$ $\vec{L}$ के $z$-घटक का परिमाण $55 m a^2 \omega$ है

  • [IIT 2016]

एक द्रव्यमान $M$ तथा त्रिज्या $R$ का छल्ला अपने केन्द्र $O$ से होकर जाने वाली स्थिर ऊर्ध्वाधर अक्ष के चारों ओर $\omega$ कोणीय गति से घूम रहा है। इस समय पर $\frac{M}{8}$ द्रव्यमान के दो बिन्दु द्रव्यमान छल्ले के केन्द्र $O$ पर विराम स्थिति में हैं। वो दर्शाये चित्रानुसार छल्ले पर लगी द्रव्यमान रहित दो छड़ों पर त्रिज्यतः वाहर की ओर गति कर सकते हैं। किसी एक क्षण पर निकाय की कोणीय गति $\frac{8}{9} \omega$ है तथा एक विन्दु द्रव्यमान $O$ से $\frac{3}{5} R$ की दूरी पर है। इस क्षण दूसरे विन्दु द्रव्यमान की $O$ से दूरी होगी :

  • [IIT 2015]

एक छोटा पिंड $m$ एक द्रव्यमान-रहित धागे से जुड़ा है। धागे का दूसरा सिरा $P$ पर बंधित हैं (चित्र देखिये।) पिंड $x-y$ तल में एकसमान कोणीय चाल $\omega$ से वत्तीय गति कर रहा है। वत्त का केन्द्र $O$ पर है। यदि $O$ और $P$ बिन्दूओं के सापेक्ष निकाले गये इस निकाय के कोणीय संवेग क्रमश: $\overrightarrow{ L }_0$ और $\overrightarrow{ L }_{ p }$ है, तब

  • [IIT 2012]

द्रव्यमान $M$ तथा लम्बाई $a$ की एक पतली छड़ एक क्षैतिज तल में बिन्दु $O$ से गुजरने वाले एक स्थिर ऊर्ध्वाधर अक्ष के परितः घूर्णन करने के लिए स्वतंत्र है। द्रव्यमान $M$ तथा त्रिज्या $a / 4$ की एक पतली वृत्ताकार डिस्क को एक छड़ पर उसके स्वतंत्र सिरे से $a / 4$ दूरी पर चित्रानुसार धुराग्रस्थ (pivoted) किया गया है, जिससे वह अपने ऊर्ध्वाधर अक्ष के परितः घूर्णन करने के लिए स्वतंत्र है। मान ले कि छड़ और डिस्क दोनों का एकसमान घनत्व है, तथा गति के दौरान दोनों क्षैतिज रहते हैं। एक स्थिर प्रेक्षक किसी क्षण छड़ को कोणीय वेग (angular velocity) $\Omega$ से तथा डिस्क को कोणीय वेग $4 \Omega$ से घूर्णन करते हुए पाता है। इस निकाय का कोणीय संवेग (angular momentum) बिन्दु $O$ के परितः $\left(\frac{ M a^2 \Omega}{48}\right) n$ है। $n$ का मान होगा।

  • [IIT 2021]