$1$ किग्रा द्रव्यमान का एक ठोस गोला घर्षणयुक्त टेबल पर $1$ मी/सै की रेखीय चाल से लुढ़क रहा है। इसकी कुल गतिज ऊर्जा ....... $J$ होगी
$1$
$0.5$
$0.7$
$1.4$
$ 10 $ किग्रा द्रव्यमान एवं $ 0.5 $ मीटर त्रिज्या की एक वस्तु बिना फिसले $ 2 $ मी/सै के वेग से लुढ़क रही है। इसकी कुल गतिज ऊर्जा $ 32.8 $ जूल है। वस्तु की घूर्णन त्रिज्या.......... $m$ है
एक समानरूपी लकड़ी के पतले तखते $A B$ की लम्बाई $L$ एवं द्रव्यमान $M$ है को एक मेज्र पर इस प्रकार रखा गया है कि इसका $B$ किनारा मेज के किनारे से थोडा बाहर निकला हुआ है।इस तख्ते के $B$ किनारे पर $J$ आवेग लगाया जाता है | इस आवेग के परिणाम स्वरुप तख्ता ऊपर उठता है और इसका द्रव्यमान केंद्र मेज्ञ के सतह से $h$ ऊंचाई तक चला जाता है | तब,
$r$ त्रिज्या वाले एक पहिए की परिधि पर पतली रस्सी लपेटी हुई है। पहिए का अक्ष क्षैतिज है जिसके परित: इसका जड़त्व आघूर्ण I है। भार $mg$, रस्सी के सिरे पर बँधा हुआ है जो विरामावस्था से नीचे गिरता है। $h$ दूरी से गिरने के पश्चात् पहिए का कोणीय वेग होगा
समान पदार्थ के दो पिण्ड, एक वलय और एक ठोस बेलन बिना फिसले किसी आनत तल पर नीचे की ओर लुढ़क रहे हैं। दोनों पिण्डों की त्रिज्या समान हैं। आनत तल की तली पर इन दोनों के संहति केन्द्रों के वेगों का अनुपात $\frac{\sqrt{ x }}{2}$ है। यहाँ $x$ का मान $\dots$ होगा।
$M$ द्रव्यमान की $1.5 \,m$ लंबी एक छात्रा, जब वह सीधी खड़ी है तब उसका द्रव्यमान केंद्र जमीन से $1 \,m$ की ऊँचाई पर है| वह उर्ध्व दिशा में उछलना चाहती है|ऐसा करने के लिए वह अपने घुटनों को मोड़ती है, जिससे उसका द्रव्यमान केंद्र $0.2 \,m$ नीचे हो जाता है। तदुपरांत वह जमीन को एक नियत बल $F$ से धक्का देती है। इसके फलस्वरूप वह उपर उछ्छल जाती है, और उच्चतम बिन्दु पर उसके पैर जमीन से $0.3 \,m$ ऊपर होते हैं| $F / Mg$ का मान क्या है ?