$1$ किग्रा द्रव्यमान का एक ठोस गोला घर्षणयुक्त टेबल पर $1$ मी/सै की रेखीय चाल से लुढ़क रहा है। इसकी कुल गतिज ऊर्जा ....... $J$ होगी
$1$
$0.5$
$0.7$
$1.4$
समान पदार्थ के दो पिण्ड, एक वलय और एक ठोस बेलन बिना फिसले किसी आनत तल पर नीचे की ओर लुढ़क रहे हैं। दोनों पिण्डों की त्रिज्या समान हैं। आनत तल की तली पर इन दोनों के संहति केन्द्रों के वेगों का अनुपात $\frac{\sqrt{ x }}{2}$ है। यहाँ $x$ का मान $\dots$ होगा।
एक पिण्ड का दिये गये अक्ष के परितः जड़त्व आघूर्ण $1.5\, kg\, m^2$ है। आरम्भ में पिण्ड विरामावस्था में है। $1200\, J$ की घूर्णन गतिज ऊर्जा उत्पन्न करने के लिये, उसी अक्ष के परितः $20\, rad / s ^{2}$ का कोणिय त्वरण कितने समयान्तराल तक लगाना होगा ।($s$ में)
माना $5 \mathrm{~kg}$ द्रव्यमान तथा $2 \mathrm{~m}$ त्रिज्या की एक (डिस्क) चकती घूर्णन तल के लम्बवत अक्ष के परितः $10$ रेडियन/से. के कोणीय वेग से घूर्णन कर रही है। समान अक्ष के साथ एक साथ एक दूसरी समान चकती पर रख दी जाती है। ऊर्जा क्षय. . . . . . . . जूल है जिसके लिए दोनों चक्तियाँ बिना फिसले एक साथ घूमती है।
दी गयी अक्ष के परित: किसी पिण्ड का जड़त्व आघूर्ण $ 1.2kg \times {m^2} $ है तथा प्रारम्भ में पिण्ड स्थिर है। $1500$ जूल की घूर्णी गतिज ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए $25$ रेडियन/सै$^2$ के त्वरण को पिण्ड पर ........ $(\sec)$ समय के लिए आरोपित करना होगा
एक मीटर लम्बी छड़ी को ऊध्र्वाधर खड़ा करके उसे इस प्रकार गिरने दिया जाता है कि पृथ्वी से जुड़ा सिरा अपने ही स्थान पर स्थिर रहे। छड़ का दूसरा सिरा जब पृथ्वी से टकरायेगा तब उसका वेग ......... $m/s$ होगा ($g=9.8$ मी/सै$^2$)