$ \frac{{9.8}}{{{\pi ^2}}}kg\,\,{m^2} $ जड़त्व आघूर्ण वाली एक चकती $600\, rpm$ से घूर्णन कर रही है। यदि घूर्णन आवृत्ति $600\, rpm$ से $300\, rpm$ हो जाए, तब किया गया कार्य .......... $J$ होगा
$1467$
$1452$
$1567$
$1632$
$r$ त्रिज्या वाले एक पहिए की परिधि पर पतली रस्सी लपेटी हुई है। पहिए का अक्ष क्षैतिज है जिसके परित: इसका जड़त्व आघूर्ण I है। भार $mg$, रस्सी के सिरे पर बँधा हुआ है जो विरामावस्था से नीचे गिरता है। $h$ दूरी से गिरने के पश्चात् पहिए का कोणीय वेग होगा
जैसा कि चित्र में दिखाया गया है, $m$ द्रव्यमान के गोलक को एक द्रव्यमानरहित डोर से लटकाया गया है। डोर को दूसरी ओर एक उपचक्र की त्रिज्या $r$ और द्रव्यमान $m$ है। जब गोलक को विरामावस्था से छोडा जाता है तो यह ऊर्ध्वाधर दिशा में गिरने लगता है। इस प्रकार गिरते हुए जब गोलक $h$ दूरी तय कर ले तो उपचक्र की कोणीय गति होगी।
जड़त्व आघूर्ण $I _{1}$ तथा $\frac{ I _{1}}{2}$ की दो समअक्षीय डिस्क कोणीय वेग $\omega_{1}$ तथा $\frac{\omega_{1}}{2}$, क्रमश :, से अपनी उभयनिष्ठ अक्ष के परित: घूम रहीं है। जब दोनों डिस्क को सटा दिया जाता है तो वे बराबर कोणीय वेग से घूमते है। यदि $E _{ f }$ तथा $E _{ i }$ अंतिम एवं प्रारम्भिक कुल ऊर्जाएँ हों तो $\left( E _{ f }- E _{ i }\right)$ का मान होगा ।
$0.6\; m$ लम्बी $2\; kg$ की एक स्टील छड़ एक मेज के ऊर्ध्वाधर अपने निचले सिरे पर बँधी है और ऊर्ध्वादार तल में मुक्त रूप से घूम सकती है। ऊपरी सिरे को धक्का दिया जाता है जिससे छड़ गुरूत्व के अन्तर्गत नीचे गिरती है। इसके निचले सिरे पर बाँधने से घर्षन को नगण्य मानते हुए, छड़ की चाल जब वह न्यूनतम स्थिति से गुजरती है $\ldots \ldots \ldots .$ मी/से होती है। (लीजिए $g =10 \;ms ^{-2}$ )
किसी पतली एकसमान छड़ की लम्बाई $2 \mathrm{~cm}$, अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल ' $\mathrm{A}$ ' एवं घनत्व ' $\mathrm{d}$ ' है। इसे $\omega$ कोणीय वेग से एक अक्ष के परितः घुमाया जाता है, जो कि इसके केन्द्र से गुजर रही है एवं इसकी लम्बाई के लम्बवत है। इसकी घूर्णन ऊर्जा $\mathrm{E}$ के पदो में, $\omega$ का मान $\sqrt{\frac{\alpha \mathrm{E}}{\mathrm{Ad}}}$ है तो $\alpha$ का मान ___________ होगा।