जैसा कि चित्र में दिखाया गया है, $m$ द्रव्यमान के गोलक को एक द्रव्यमानरहित डोर से लटकाया गया है। डोर को दूसरी ओर एक उपचक्र की त्रिज्या $r$ और द्रव्यमान $m$ है। जब गोलक को विरामावस्था से छोडा जाता है तो यह ऊर्ध्वाधर दिशा में गिरने लगता है। इस प्रकार गिरते हुए जब गोलक $h$ दूरी तय कर ले तो उपचक्र की कोणीय गति होगी।

830-1032

  • [JEE MAIN 2020]
  • A

    $\frac{1}{r} \sqrt{\frac{2 g h}{3}}$

  • B

    $ r \sqrt{\frac{3}{4 g h}}$

  • C

    $ \frac{1}{r} \sqrt{\frac{4 g h}{3}}$

  • D

    ${r} \sqrt{\frac{3}{2 g h}}$

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$500 \,g$ द्रव्यमान का एक एकसमान गोला बिना फिसले हुए एक क्षैतिज समतल सतह पर लुढ़कता हुआ चल रहा है (rolls without slipping) तथा इसके द्रव्यमान केन्द्र की गति $5.00 \,cm / s$ है। गोले की गतिज ऊर्जा है?

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कोई खोखली एकसमान घनत्व वाली गोलाकार गेंद, किसी वक्र तल पर $3 \mathrm{~m} / \mathrm{s}$ के प्रारम्भिक वेग से लुढ़कती हुई चढ़ती है। गेंद की प्रारम्भिक अवस्था के सापेक्ष इसके द्वारा तय की गई अधिकतम ऊँचाई___________$\mathrm{cm}$ होगी (यदि, $\mathrm{g}=10 \mathrm{~m} / \mathrm{s}^2$ )

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एक $2L$ लंबाई की एकसमान छड़ का एक सिरा क्षैतिज तल पर है। यह क्षैतिज तल से $ \alpha $ कोण पर झुकी है। अब यह संपर्क बिन्दु के परित: घूमकर बिना फिसले गिर रही है। क्षैतिज तल में आने पर इसका कोणीय वेग हेगा