जैसा कि चित्र में दिखाया गया है, $m$ द्रव्यमान के गोलक को एक द्रव्यमानरहित डोर से लटकाया गया है। डोर को दूसरी ओर एक उपचक्र की त्रिज्या $r$ और द्रव्यमान $m$ है। जब गोलक को विरामावस्था से छोडा जाता है तो यह ऊर्ध्वाधर दिशा में गिरने लगता है। इस प्रकार गिरते हुए जब गोलक $h$ दूरी तय कर ले तो उपचक्र की कोणीय गति होगी।
$\frac{1}{r} \sqrt{\frac{2 g h}{3}}$
$ r \sqrt{\frac{3}{4 g h}}$
$ \frac{1}{r} \sqrt{\frac{4 g h}{3}}$
${r} \sqrt{\frac{3}{2 g h}}$
एक ठोस बेलन $P$ जब एक ढलान पर विराम अवस्था से बिना फिसले हुए लुढ़कता है तो नीचे आने तक उसकी गति $v_p$ हो जाती है । उसी द्रव्यमान और आकार का दूसरा चिकना बेलन $Q$ जब विराम से बिना घर्षण के फिसलता है तब नीचे आकर उसकी गति $v _q$ हो जाती है। दोनों गतियों के अनुपात $\left(\frac{ v _q}{ v _p}\right)$ का मान क्या होगा?
$2 \mathrm{~kg}$ किग्रा द्रव्यमान का एक ठोस गोला $2240$ जूल गतिज ऊर्जा के साथ एक क्षैतिज तल पर शुद्ध रूप से लुढक रहा है। गोले के द्रव्यमान केन्द्र का वेग______ मी/से. होगा।
एक गतिपालक चक्र ठोस वृत्तीय पहिये के रूप में है जिसका द्रव्यमान $72$ किग्रा तथा उसकी त्रिज्या $0.5$ मीटर है। यह प्रति मिनट $70$ परिक्रमण करता है, तो इसकी परिक्रमण ऊर्जा ........ $J$ है
द्रव्यमान $50 \mathrm{~kg}$ की एक ठोस वृत्ताकार चकती एक क्षैतिज फर्श के अनुदिश इस तरह लुढ़कती है कि इसके द्रव्यमान केन्द्र की चाल $0.4 \mathrm{~m} / \mathrm{s}$ है। चकती को रोकने के लिए इस पर किये गये कार्य का विशिष्ट (मानक) मान. . . . . . . . . . जूल है।
एक ठोस बेलन, जिसको दो द्रव्यमानरहित रस्सियों के द्वारा सममित रूप से चित्रानुसार लटकाया गया है। रस्सियों को खोलने पर, यदि यह बेलन गिरता है, तो अपनी आरम्भिक स्थिर स्थिति के सापेक्ष $cm$ दूरी के बाद यह $4\,ms ^{-1}$ की चाल प्राप्त कर लेगा। (यदि $g =10\,ms ^{-2}$ )