एक सिरे पर कीलकित $ 400 $ ग्राम द्रव्यमान की एक मीटर लम्बी छड़ को $ {60^o} $ कोण पर विस्थापित किया जाता है। इसकी स्थितिज ऊर्जा में हुई वृद्धि ....... $J$ है
$2$
$3$
$0$
$1$
यदि घूर्णन कर रही किसी वस्तु का कोणीय संवेग $200\%$ बढ़ा दिया जाए, तो इसकी गतिज ऊर्जा में वृद्धि ........ $\%$ होगी
$\mathrm{R}$ त्रिज्या तथा $\mathrm{M}$ द्रव्यमान की एक चकती (डिस्क) $v$ चाल से क्षैतिज दिशा में बिना फिसले लुढ़कती है। इसफे बाद यह ऐक चिकनें जानत तल पर ऊपर की ओर गति करती है जैसा कि चित्र में दर्शाया गया है। चकती द्वारा आनत तल पर चढ़ सकने की अधिकतम ऊँचाई है :
किसी फिरकी (फ्लाई कील) की चाल $60\,rpm$ से $360\,rpm$ तक बढ़ाने के लिए $484\,J$ ऊर्जा व्यय होती है। फिरकी का जड़त्व आघूर्ण है :$.............\,kg - m ^2$
एक ठोस गोला $h$ ऊंचाई के नत समतल पर बिना खिबसे घूर्णन गति करता है। उसका कोणीय वेग होगा
$500 \,g$ द्रव्यमान का एक एकसमान गोला बिना फिसले हुए एक क्षैतिज समतल सतह पर लुढ़कता हुआ चल रहा है (rolls without slipping) तथा इसके द्रव्यमान केन्द्र की गति $5.00 \,cm / s$ है। गोले की गतिज ऊर्जा है?